मेदिनीनगर। महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से डायन प्रथा उन्मूलन जागरूकता सेमिनार का आयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर स्मृति भवन में किया गया। जिला समाज कल्याण कार्यालय के द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन उपायुक्त शशिरंजन, पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार और डीडीसी शेखर जमुआर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर उपायुक्त ने कहा कि डायन प्रथा एक अंधविश्वास है जो समाज के लिए अभिशाप है। यह एक ऐसी कुप्रथा है जिससे पूरा राज्य प्रभावित है। अंधविश्वास का शिकार पूरा समाज हो रहा है। डायन प्रथा को सामाजिक जागरूकता से समाप्त किया जा सकता है। एसपी संजीव कुमार ने कहा कि अक्सर केस सुलझाने के सिलसिले में विभिन्न स्थानों पर जाना पड़ता है। लोग कमजोर अथवा असहाय महिलाओं को डायन बताकर उन्हें प्रताड़ित करते हैं। इस कुप्रथा के कारण कई बार स्थिति भयावह हो जाती है, लोगों की जान भी चली जाती है। उन्होंने बताया कि इन सभी घटनाओं में किसी ना किसी का स्वार्थ छुपा रहता है। हमें जरूरत है वैसे लोगों को चिन्हित करने की जो अपने स्वार्थ में सामने वाले को डायन बता कर उनका और उनके परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल महिला प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार एवं पूरा सिस्टम इस कुप्रथा को समाज से हटाने में जुटा हुआ है हमें जरूरत है आप सभी अपने घर, गांव तथा प्रखंड के लोगों को जागरूक करें। डीडीसी ने कहा कि विकास के इस दौर में डायन- बिसाही जैसे मामलों को भी खत्म करने की चुनौती है। कार्यक्रम के दौरान तेजस्विनी परियोजना की बालिकाओं ने डायन-बिसाही विषय पर नाटक की प्रस्तुति कर लोगों को इस विषय के बारे में जागरूक किया। बताते चलें कि जिले को डायन प्रथा जैसे अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से जिले में जागरूकता रथ को भी रवाना किया गया था। कार्यक्रम में प्रभा देवी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी नीता चौहान, स्नेहलता, सभी सीडीपीओ सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse