एबीएन कैरियर डेस्क। बीपीएससी परीक्षा के दौरान पटना सहित अन्य कई जिलों में हंगामा हुआ। परीक्षार्थियों का आरोप था कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। उनका कहना था कि इसी वजह से देर से प्रश्न पत्र उन्हें दिया गया। अब इस मामले पर बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई का बयान सामने आया है।
इस मामले पर उन्होंने कहा कि करीब सवा 12 बजे सेंटर पर कुछ अभ्यर्थियों ने यह अफवाह फैलाया कि पेपर वायरल हो गया। यह बात सुनकर अभ्यर्थी पेपर लेकर बाहर निकल गये और अन्य अभ्यर्थियों को भड़काने लगे। उन्होंने कहा कि आपलोग किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ है। हर तरह से जांच कर ली गयी है।
आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने बताया कि 911 परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न हई। केवल पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हंगामा हुआ। इसमें भी कुछ अभ्यर्थियों को छोड़कर सभी ने परीक्षा दिया। दो अभ्यर्थियों का आरोप था कि हमारे सामने प्रश्न पत्र नहीं खोला गया, जबकि परीक्षा केंद्र में किसी एक कक्ष में प्रश्न पत्र खोलने का नियम है।
अभ्यर्थियों का दूसरा आरोप है उन्हें प्रश्न पत्र देर से मिली? इस आरोप की जांच की जा रही है। कुछ लोगों से पूछताछ चल रही है। सीसीटीवी की जांच कर रही है। प्रश्नपत्र वायरल करने पर बीपीएससी ने कहा कि बापू परीक्षा केंद्र से दो अभ्यर्थियों ने परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र बाहर फेंकते देखे गये। इस मामले में आगे की कार्रवाई चल रही है।
आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने यह भी कहा कि कहीं से पेपर वायरल की शिकायत नहीं मिली है। सभी केंद्रों पर कदाचार मुक्त परीक्षा ली गयी है। उन्होंने कहा कि एक-एक मामले की जांच की जा रही है। प्रश्न पत्र देर से मिलने के आरोप की भी जांच चल रही है।
बीपीएससी के सचिव कुंदन कुमार ने कहा है कि हर 25 अभ्यर्थियों पर विक्षक तैनात किये गये हैं। आज के परीक्षा में कुल 68 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा दिया। प्रश्न पत्र देर से मिलने के सवाल पर कहा कि अगर देर से मिलता तो उसी सेंटर यानी बापू परीक्षा केंद्र पर साढ़े पांच हजार छात्र कैसे परीक्षा देते।
टीम एबीएन, पटना/ रांची। राजधानी पटना मेट्रो के ट्रायल रन के लिए पटरी बिछा दी गयी हैं। जनवरी महीने से पांच स्टेशनों के बीच रेल पटरी बिछाने का काम शुरू होगा और जुलाई महीने तक मलाही पकड़ी से आईएसबीटी तक पांच रेलवे स्टेशन का काम पूरा कर लिया जायेगा।
तय किया गया है कि 15 अगस्त से आम लोग पटना मेट्रो की सेवा का लाभ ले पायेंगे और बचे हिस्सों का निर्माण कार्य भी तेज गति से पूरा किया जा रहा है। पटना मेट्रो का कार्य जल्द पूरा करना है और इसको लेकर समय-समय पर कार्य प्रगति की समीक्षा और मौके का मुआयना भी किया जा रहा है।
पटना मेट्रो के पहले चरण में 26 मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं, लेकिन पांच मेट्रो स्टेशन को प्रायोरिटी स्ट्रेच पर रखा गया है। जिसमें मलाई पकड़ी से आईएसबीटी के बीच जल्द से जल्द काम पूरा कर मेट्रो सेवा की शुरुआत करनी है और यह 15 अगस्त से शुरू हो जायेगा।
इसके लिए प्लान के साथ काम किया जा रहा है। बाद में तख्त श्री हरमंदिर पटना साहिब, एयरपोर्ट और बाहरी हिस्सों को भी मेट्रो के जरिये जोड़ने की योजना है। मलाही पकड़ी के बाद अगला स्टेशन खेमनीचक है और बाईपास पर स्थित इस स्टेशन का काम भी द्रुत गति से पूरा किया जा रहा है।
खेमनीचक के बाद आता है भूतनाथ। भूतनाथ में पार्किंग से लेकर तमाम दूसरे सुविधा साधन का मुआयना नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने किया। इसके साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये गये। पटना मेट्रो के आने से शहर की तस्वीर बदल जायेगी।
इसके अलावा आवागमन सस्ता और सुलभ होने के साथ समय की भी बचत होगी। पटना के छह पॉकेट में मेट्रो का काम अभी चल रहा है लेकिन इसके पूरा होने के साथ ही इसके विस्तार की योजना भी बनी है और महत्वपूर्ण स्थानों को मेट्रो से जोड़ा जा रहा है। पटना एयरपोर्ट को भी मेट्रो से जोड़ा जा रहा है।
एबीएन न्यूज नेटवर्क, पटना। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 2029 में जब भाजपा नीत राजग केंद्र की सत्ता में 15 साल पूरे करेगा, तब तक बिहार में राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे गडकरी ने बोधगया में लगातार दो कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
बिहार का सड़क नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा
नितिन गडकरी ने कहा, हमारी सरकार सड़क आधारभूत संरचना के मामले में तेजी से प्रगति कर रही है और यह बिहार में भी दिख रहा है। मैं वादा करता हूं कि मौजूदा पांच साल के कार्यकाल के बाद, जब हम सत्ता में 15 साल पूरे कर लेंगे, तो बिहार का सड़क नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार के सड़क नेटवर्क में जबरदस्त सुधार हुआ है और राजग सरकार आगे भी विकास के लिए काम करती रहेगी। उन्होंने इस अवसर पर 3,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
गडकरी ने करोड़ों रुपए की योजनाओं की दी सौगात
मंत्री ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, उनमें राष्ट्रीय राजमार्ग-20 का बख्तियारपुर-रजौली खंड और रजौली से हल्दिया तक सड़क चौड़ीकरण शामिल है। इससे झारखंड और बिहार के बीच संपर्क बेहतर होगा और नवादा जिले के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा। गडकरी ने हसनपुर से बख्तियारपुर सड़क चौड़ीकरण खंड जिससे नालंदा और पटना जिलों के बीच यात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है, सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।
केंद्रीय मंत्री द्वारा घोषित अन्य परियोजनाओं में 5,100 करोड़ रुपये की लागत से 90 किलोमीटर लंबी मोकामा से मुंगेर सड़क का चौड़ीकरण और 1,250 करोड़ रुपये की लागत से नौ शहरों में 11 रेल ओवर ब्रिज शामिल हैं। गडकरी ने पटना में 10,000 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीनफील्ड रिंग रोड की भी घोषणा की।
टीम एबीएन, पटना। इंद्रा कुमारी को अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन की बिहार प्रदेश महासचिव मनोनीत किया गया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित मोहित नवानी एवं राष्ट्रीय महासचिव अशोक कुमार साहू ने उन्हें मनोनीत किया है।
ज्ञात हो कि समाजसेवी इंद्रा कुमारी को उनकी बेहतर कार्यकुशलता के लिए कई संगठनों ने कई सम्मानित पदों से सुशोभित किया है। एक बार फिर उनकी बेहतर कार्यशैली के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन ने उनको एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी सौंपी है। उम्मीद की जा रही है कि वे इस इसे बखूबी निभायेंगे। इसे लेकर बिहार में उनके शुभचिंतकों में खुशी की लहर है।
टीम एबीएन, पटना। बिहार में 1 दिसंबर को पटना मैराथन का आयोजन किया जायेगा। इसमें लगभग 10,000 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एथलीटों के भाग लेने की उम्मीद है। प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल भी इस कार्यक्रम में शिरकत करके एथलीटों का हौंसला अफजाई करेंगी। वहीं इस मैराथन की थीम नशा मुक्त बिहार रखी गयी है।
मिली जानकारी के अनुसार, पटना मैराथन गांधी मैदान में चार श्रेणियों में आयोजित की जायेगी। जिसमें 42 किमी के फुल मैराथन में 500, 21 किमी के हाफ मैराथन में 2000, 10 किमी में 3000 और 5 किमी में 4500 एथलीट भाग लेंगे। कुल मिलाकर, 10,000 प्रतिभागी इस मैराथान में भाग लेंगे। विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं के बीच 50 लाख रुपये के नकद पुरस्कार बांटे जायेंगे। मैराथन की शुरुआत गांधी मैदान से होगी और जेपी गंगा पथ होते हुए वापस मैदान में समाप्ति होगी।
बता दें कि पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 23 नवंबर तक आनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। मैराथन के लिए www.biharmarathon.com पर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इस मैराथन का आयोजनकर्ता मद्यनिषेध उत्पाद व निबंधन विभाग है। वहीं इस मैराथन क स्पॉन्सर स्टेट बैंक है। इस मैराथन का उद्देश्य ना सिर्फ लोगों को नशे के खिलाफ जागरुक करना है बल्कि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना भी है।
टीम एबीएन जमुई/ पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर बिहार के जमुई का दौरा किये। जनजातीय गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के ऐतिहासिक अवसर का प्रतीक है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किये।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने बृहस्पतिवार को जमुई में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मानित करने के लिए दो जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय और दो जनजातीय अनुसंधान संस्थानों का उद्घाटन किये। इसके अलावा जनजातीय समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए पीएम-जनमन के तहत निर्मित 11,000 घरों के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गयी अन्य परियोजनाओं में 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 300 वन धन विकास केंद्र शामिल हैं। ये आदिवासी युवाओं को शिक्षा और रोजगार के नये अवसर प्रदान करेंगे।
साथ ही 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट और अतिरिक्त 30 यूनिट के जरिये दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने की पहल की जायेगी। प्रधानमंत्री का यह दौरा जनजातीय क्षेत्रों में समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर आधारित है।
पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये थे। बल्लोपुर मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) ने अपनी निगरानी में ले लिया था।
जिला प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर विधि-व्यवस्था और सुरक्षा की लगातार मानिटरिंग कर रहे थे। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल पर तीन हेलीपैड, जर्मन हैंगर टेंट और करीब 25,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की गयी थी।
एबीएन न्यूज नेटवर्क, पटना। बिहार की मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन मंगलवार रात दिल्ली अककटर में हो गया। वे 72 साल की उम्र में अंतिम सांस लीं। छठ के गाये उनके गीत बेहद मशहूर हुए और इस पर्व के पहले ही दिन उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा।
आज बुधवार को इंडिगो की फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया है। दोपहर के बाद पटना में इनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जायेगा।
शारदा सिन्हा के निधन पर पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि उनके (शारदा सिन्हा) के गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। महापर्व छठ से जुड़े उनके गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी।
एबीएन न्यूज नेटवर्क, पटना/ रोहतास। राज्य में चल रहे जमीन सर्वे के दौरान भौतिक सत्यापन या किस्तवार प्रक्रम के समय जमीन मालिक की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि संबंधित जमीन मालिक की मौजूदगी आवश्यक नहीं है, हालांकि यह अनिवार्यता के दायरे में नहीं आती है। विभाग ने बताया है कि यदि जमीन मालिक स्वयं स्थल पर उपस्थित नहीं हो सकते, तो उनके किसी भरोसेमंद और अधिकृत प्रतिनिधि की उपस्थिति सर्वे कर्मियों को भूखंड की पहचान में मदद कर सकती है।
हालांकि, प्रतिनिधि भेजना भी अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि कोई मौजूद रहता है तो इससे सर्वे प्रक्रिया में आसानी होती है। साथ ही, सर्वे के दौरान आने वाली किसी भी समस्या या शिकायत के लिए विभाग ने एक टोल फ्री नंबर (18003456215) जारी किया है, जिस पर जमीन मालिक संपर्क कर सकते हैं। सर्वे प्रक्रिया के तहत वंशावली और खतियान से जुड़े सवाल सबसे अधिक आ रहे हैं।
वंशावली तैयार करने के लिए किसी पंचायत प्रतिनिधि से हस्ताक्षर कराना आवश्यक नहीं है। जमीन मालिक या उनके वंशज स्वघोषणा प्रपत्र-2 भरकर अंचल कार्यालय के शिविर में जमा कर सकते हैं या भू-अभिलेख की वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रपत्र-3(1) में वंशावली तैयार कर उसे भी शिविर में जमा करें या आनलाइन अपलोड करें और राजस्व रसीद की छायाप्रति संलग्न करें।
अगर जमीन क्रय, दान, या बदलाव से संबंधित है, तो उसके दस्तावेज की छायाप्रति जमा करनी होगी। अगर किसी भूमि पर न्यायालय का कोई आदेश है, तो उसकी प्रति भी संलग्न करनी होगी। बंदोबस्त भूमि या भूदान प्रमाणपत्र या वासगीत पर्चा की छायाप्रति भी जमा करना आवश्यक है। जमाबंदी रैयत के जीवित होने पर स्वघोषणा प्रपत्र-2 ही पर्याप्त होगा और वंशावली की जरूरत नहीं होगी।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि वंशावली पर ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि का हस्ताक्षर आवश्यक नहीं है और इसके लिए कार्यपालक दंडाधिकारी या नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथ पत्र देने की भी कोई आवश्यकता नहीं है। विभाग का उद्देश्य इस प्रक्रिया को सरल बनाकर लोगों के बीच उत्पन्न किसी भी भ्रम को दूर करना है।
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