एबीएन बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में आज यानी बुधवार (18 दिसंबर) को गिरावट दिनभर गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स 502 अंक गिरकर 80,182 के स्तर जबकि निफ्टी में भी 137 अंक की गिरावट रही, ये 24,198 के स्तर पर बंद हुआ।
कोराबर के दौरान सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा गिरा और ये 80,071 के स्तर लेवल पर पहुंचा गया। वहीं, निफ्टी में भी करीब 178 अंक की गिरावट देखी गयी, ये 24,157 के स्तर पर था। बुधवार के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 21 में गिरावट और 9 में तेजी रही। निफ्टी के 50 शेयरों में से 31 में गिरावट और 19 में तेजी रही।
एशियाई बाजार में जापान के निक्केई में 0.21% की गिरावट जबकि कोरिया के कोस्पी में 0.95% की तेजी है। चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 0.52% की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। एनएसई के डेटा के अनुसार, 17 दिसंबर को विदेशी निवेशकों की नेट सेल 6,409.86 करोड़ रुपये रही।
इस दौरान घरेलू निवेशकों ने 2,706.48 करोड़ के शेयर्स खरीदे। 17 दिसंबर को अमेरिका का डाओ जोंस 0.61% गिरकर 43,449 पर बंद हुआ। एस एंड पी 500 0.39% की गिरावट के साथ 6,050 और नैस्डैक 0.32% नीचे 20,109 के स्तर पर बंद हुआ।
कल यानी मंगलवार (16 दिसंबर) को सेंसेक्स 1,064 अंक की गिरावट के साथ 80,684 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 332 अंक की गिरावट रही, ये 24,336 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, बीएसई मिडकैप 311 अंक की गिरावट के साथ 47,816 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 में गिरावट और 1 में तेजी रही।
निफ्टी के 50 शेयरों में से 49 में गिरावट रही, इसके केवल एक शेयर बढ़त के साथ बंद हुआ। एनएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट रही। निफ्टी पीएसयू बैंक सबसे ज्यादा 1.88% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, निफ्टी मेटल, बैंक, आॅटो, फार्मा में भी करीब 2% की गिरावट रही।
एबीएन बिजनेस डेस्क। अमेरिकी फेड के ब्याज दर निर्णय से पहले निवेशकों के सतर्क रूख के बीच व्यापक बिकवाली से मंगलवार को शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ 1,064.12 अंक या 1.30 प्रतिशत टूटकर 80,684.45 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,136.37 अंक या 1.39 प्रतिशत गिरकर 80,612.20 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 332.25 अंक या 1.35 प्रतिशत गिरकर 24,336 पर आ गया।
रुपये की तुलना में अमेरिकी डॉलर की कीमत लगातार बढ़ रही है। डॉलर इंडेक्स 106.77 पर स्थिर है, लेकिन इस साल इसमें 5% की तेजी आ चुकी है। मजबूत डॉलर भारतीय शेयर मार्केट के लिए विदेशी निवेशकों की रुचि को कम करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह उभरते बाजारों में निवेश को कम आकर्षक बनाता है।
नवंबर में चीन की खपत उम्मीद से कहीं ज्यादा कम रही है। खुदरा बिक्री में सिर्फ 3% की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर के 4.8% की वृद्धि से काफी कम है। वहीं दूसरी ओर औद्योगिक उत्पादन में साल-दर-साल 5.4% की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर के अनुरूप है।
यह मंदी वैश्विक कमोडिटी मांग को प्रभावित कर सकती है। इससे भारत में मेटल, एनर्जी और आटो सेक्टर के लिए जोखिम पैदा हो सकता है। आज के कारोबार में निफ्टी मेटल और आटो सेक्टर में बड़ी गिरावट आयी।
भारत का व्यापारिक व्यापार घाटा नवंबर में बढ़कर 37.84 बिलियन डॉलर के अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गया है। यह अक्टूबर में 27.1 बिलियन डॉलर था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देश का आयात बिल बढ़ गया और निर्यात में गिरावट आयी।
व्यापारिक घाटा बढ़ने से रुपये पर दबाव पड़ेगा जिससे यह डॉलर के मुकाबले 85 डॉलर पर पहुंच जायेगा। इससे आईटी और फार्मा जैसे निर्यातकों को रुपये में गिरावट से लाभ होगा लेकिन आयातकों के लिए आयात लागत में वृद्धि से उनके शेयर की कीमतों पर असर पड़ेगा।
फेड रिजर्व की बैठक को लेकर दुनिया के दूसरे बाजार भी मंगलवार को सहम गये। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों के एमएससीआई के व्यापक सूचकांक में 0.3% की गिरावट आयी। जापान के निक्केई में 0.15% की गिरावट आयी, जबकि वायदा कारोबार ने यूरोपीय शेयर बाजारों के लिए सुस्त शुरुआत का संकेत दिया।
यूरोस्टॉक्स 50 वायदा कारोबार में 0.16% की गिरावट आयी। वहीं जर्मन डीएएक्स वायदा कारोबार में 0.06% की गिरावट आयी। एफटीएसई वायदा कारोबार में 0.24% की कमजोरी आयी।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। महंगाई के मोर्चे पर नवंबर महीने में लोगों को मामूली राहत मिली। सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर बीते महीने 5.48% रही। इससे पहले अक्तूबर में खुदरा महंगाई दर 6.21% थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति को 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है, जिसमें दोनों ओर दो प्रतिशत अंकों की सहनशीलता सीमा तय की गयी है।
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति दर नवंबर में धीमी होकर 5.48 प्रतिशत पर आ गयी। अक्तूबर में यह 6.21 प्रतिशत थी। खुदरा महंगाई घटने का मुख्य कारण खाद्य पदार्थों, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में नरमी आना है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति घटकर 9.04 प्रतिशत रह गयी। अक्तूबर में यह 10.87 प्रतिशत और नवंबर 2023 में 8.70 प्रतिशत रही थी।
एनएसओ ने कहा, नवंबर 2024 के महीने के दौरान सब्जियों, दालों और उत्पादों, चीनी और मिठाई, फलों, अंडे, दूध और उससे जुड़े उत्पादों, मसालों, परिवहन और संचार व व्यक्तिगत देखभाल जैसे उपसमूहों में मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट देखी गयी है। सीपीआई आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर में 5.5 प्रतिशत और अक्तूबर 2024 में 6.2 प्रतिशत हो गयी थी। यह आंकड़ा सितंबर 2023 के बाद से एक वर्ष से अधिक समय में सबसे अधिक था।
बीते सप्ताह, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि खाद्य कीमतों पर दबाव के कारण दिसंबर तिमाही में महंगाई दर के ऊंचे स्तर पर बने रहने की संभावना है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित हेडलाइन मुद्रास्फीति जुलाई-अगस्त तिमाही के दौरान औसतन 3.6 प्रतिशत थी।
एबीएन बिजनेस डेस्क। गैस डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने निवेशकों को मंगलवार को बड़ी गुड़ न्यूज दी है। कंपनी ने पहली बार बोनस इश्यू का एलान किया है। रेगुलेटरी फाईलिंग के मुताबिक, कंपनी हर एक 1 शेयर पर निवेशकों को 1 बोनस शेयर देगी। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स ने मंगलवार (10 दिसंबर) को हुई बैठक के बाद यह घोषणा की।
आईजीएल का शेयर 1:50 बजे 0.34% या 1.30 रुपये बढ़कर 386.85 रुपये पर कारोबार कर रहा था। पिछले एक हफ्ते में कंपनी के शेयर 5% से ज्यादा चुके हैं। आईजीएल ने 1:1 के रेश्यो में बोनस इश्यू का ऐलान किया है। इसका मतलब है कि प्रत्येक 2 रुपये के फेस वैल्यू वाले शेयर पर 2 रुपये का पूरी तरह से पेड अप शेयर दिया जायेगा।
आईजीएल ने रेगुलेटरी फाईलिंग में कहा कि एलिजिबल शेयरहोल्डर्स को 2 रुपये फेस वैल्यू वाले पूरी तरह से पेड अप प्रत्येक शेयर पर 1 शेयर दिया जायेगा। रिकॉर्ड डेट अभी तय नहीं की गई है। इसे शेयरहोल्डर्स की तरफ से बोनस इश्यू को अप्रूवल मिलने के बाद तय किया जायेगा।
आईजीएल के शेयर में आज सुबह से ही हलचल देखने को मिल रही है। गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का शेयर मंगलवार (10 दिसंबर) सुबह 2.26% चढ़कर खुला। वहीं, बीते एक सप्ताह में कंपनी का शेयर 5% से ज्यादा चढ़ा है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में भारी उठापटक के बीच फिनटेक कंपनी कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर हाल ही में 52 वीक हाई पर पहुंच गये। पेटीएम ब्रांड नाम से कारोबार चलाने वाली कंपनी के शेयर अपने आल टाइम लो से 217% चढ़ चुके हैं। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में पेटीएम 0.83% या 8.10 रुपये गिरकर 963.10 पर ट्रेड कर रहा है।
पेटीएम 8 मई, 2024 को 317 रुपये प्रति शेयर के अपने आल टाइम लो पर पहुंच गया था। कंपनी के शेयरों में उस समय यह गिरावट आरबीआई के उस निर्देश के बाद आयी थी, जिसमें पेटीएम को अपनी बैंकिंग यूनिट बंद करने को कहा गया था। आरबीआई ने इस साल की शुरुआत में लगातार अनुपालन नियमों में खामियों के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर रोक लगा दी थी। केंद्रित बैंक की इस कार्रवाई के बाद पेटीएम का शेयर बुरी तरह लुढ़क गया था।
पेटीएम का शेयर आरबीआई की कार्रवाई से अब पूरी तरह उबरने के साथ पिछले 6 महीने में 146% चढ़ भी चुका है। वहीं, पिछले 3 महीने में पेटीएम ने 47.09% और 1 महीने में 13.37 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। बता दें कि वन97 कम्युनिकेशंस की सिंगापुर स्थित कंपनी ने जापान की पेपे में अपने शेयर अधिग्रहण अधिकारों को बेचने की मंजूरी दे दी है।
2,364 करोड़ रुपये में हुई डील के बाद कंपनी के शेयर में तेजी देखी गयी। इससे पहले अगस्त में न97 कम्युनिकेशंस ने अपने एंटरटेनमेंट टिकटिंग बिजनेस को जोमैटो को 2,048 करोड़ रुपये में बेच दिया था। वित्त वर्ष 2024-25 की सितंबर तिमाही के अंत में मंथली लेनदेन करने वाले यूजर्स (टळव) की संख्या 7.1 करोड़ होने के साथ कंपनी में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि पेटीएम का शेयर शार्ट से मिड टर्म में 1380 से 1500 रुपये तक के लेवल तक जा सकता है। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में सीनियर टेक्नीकल एनालिस्ट प्रवेश गौड़ ने कहा, पेटीएम के शेयर ने वापसी करते हुए शानदार मजबूती दिखाई है। यह अपने 52 वीक के हाई लेवल के करीब कारोबार कर रहा है और 1000 के मनोवैज्ञानिक स्तर पर वीकली रेसिस्टेंस लेवल के करीब पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि इस स्तर से ऊपर का ब्रेकआउट मजबूत बुलिश चाल को चिंगारी दे सकता है। इस ब्रेकआउट में शार्ट से मध्यम अवधि के दौरान शेयर को 1380 और 1500 के स्तर तक ले जाने की क्षमता है। वहीं, डाउनसाइड देखें तो प्रमुख सपोर्ट 870 पर मजबूती से दिख रहा है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने बड़े बिजनेस घरानों पर फोकस करते हुए आदित्य बिड़ला सन लाइफ कॉन्ग्लोमरेट फंड नाम से एक नया फंड लॉन्च किया है। निवेशक बिड़ला ग्रुप के इस न्यू फंड आॅफर पर 5 दिसंबर से 19 दिसंबर 2024 तक दांव लगा सकते हैं। यह ओपन-एंडेड इक्विटी फंड, भारत का पहला ऐसा फंड है जो खासतौर पर बड़े बिजनेस घरानों में पैसा लगायेगा और निवेशकों को टाटा, रिलायंस और अदाणी जैसे कॉन्ग्लोमरेट की ग्रोथ का फायदा उठाने का मौका देगा।
कॉन्ग्लोमरेट ऐसे बड़े बिजनेस होते हैं, जो कई पीढ़ियों से दूरदर्शी नेतृत्व और मजबूत गवर्नेंस के लिए जाने जाते हैं। इनके मजबूत बिजनेस मॉडल और सस्ती फंडिंग की सुविधा उन्हें बड़े पैमाने पर और विविधता के साथ लगातार बढ़ने में मदद करती है। चूंकि बिड़ला ग्रुप का नया फंड देश के बड़े बिजनेस घरानों पर फोकस करेगा, तो ऐसे में आप इसमें निवेश करके, इन कॉन्ग्लोमरेट की लॉन्ग टर्म ग्रोथ से फायदा उठा सकते हैं।
लंपसम निवेश और स्विच-इन : आप इस फंड में कम से कम 100 रुपये का निवेश कर सकते हैं। इसके बाद, आप 1 रुपये के गुणकों में और निवेश कर सकते हैं। मंथली, वीकली और डेली सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान : अगर आप सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिये निवेश करना चाहते हैं, तो न्यूनतम 100 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं। इसके बाद आप 1 रुपये के गुणकों में अपनी राशि बढ़ा सकते हैं। यह सुविधाजनक न्यूनतम राशि निवेशकों को छोटे कदमों से निवेश शुरू करने और अपने निवेश पोर्टफोलियो को व्यवस्थित तरीके से बढ़ाने का मौका देती है।
आदित्य बिड़ला सन लाइफ कॉन्ग्लोमरेट फंड 22 सेक्टर्स की 169 कंपनियों में निवेश का अवसर देगा, जो बीएसई के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन का 33 प्रतिशत हिस्सा हैं। इस फंड में 36 लार्जकैप, 30 मिडकैप और 103 स्मॉलकैप शेयरों का विविध मिश्रण शामिल हैं, जो निवेशकों को व्यापक ग्रोथ पोटेंशियल और सेक्टोरल डाइवर्सिटी का लाभ प्रदान करता है।
कुणाल सांगोई और हरीश कृष्णन आदित्य बिड़ला सन लाइफ कांग्लोमरेट फंड के लिए फंड मैनेजर होंगे। यह फंड बीएसई सेलेक्ट बिजनेस ग्रुप्स इंडेक्स टीआरआई पर आधारित है।
यह अपनी तरह का पहला इक्विटी-ओरिएंटेड थीमेटिक फंड है, जो अपनी कुल संपत्ति का 80% तक देश के बड़े बिजनेस घरानों में निवेश करेगा।
इस फंड का निवेश 41 इंडस्ट्री और करीब 20 सेक्टर तक फैला है, जिससे यह अलग-अलग सेक्टर में मजबूत विविधता सुनिश्चित करता है। यह फंड लार्ज, मिड और स्मॉल कैप शेयरों का मिला-जुला पोर्टफोलियो रखेगा।
फंड मैनेजर देश के बड़े बिजनेस घरानों की कंपनियों को उनके ग्रोथ प्रॉस्पेक्ट्स के आधार पर चुनता है। यह फंड बड़े ग्रुप पर ध्यान देते हुए मिड और स्मॉल कैप शेयरों पर ज्यादा फोकस करेगा।
यह इक्विटी फंड उन निवेशकों के लिए सही है, जिनका निवेश समय 3-5 साल या उससे ज्यादा का है।
एबीएन सेंट्रल डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह फैसला अर्थव्यवस्था की स्थिरता बनाए रखने और महंगाई को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में 0.25% की बढ़ोतरी की थी, जिसके बाद रेपो रेट 6.50% पर पहुंच गया। तब से लेकर अब तक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने के पीछे का उद्देश्य महंगाई को काबू में रखना और आर्थिक विकास को गति देना है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए RBI ने यह संतुलन बनाकर रखने का निर्णय लिया है।
एबीएन बिजनेस डेस्क। 2024 के अंतिम महीने दिसंबर के पहले दिन ही लोगों को मंहगाई का झटका लगा है। 1 दिसंबर से रांची सहित पूरे झारखंड में कमर्शियल गैस सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी हुई है।
गैस के दामों में बढ़ोतरी होने के कारण अब 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1977 रुपये हो गयी है। 1 दिसंबर 2024 से कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में 16 रुपये की बढ़ोतरी हुई जिस कारण से अब 19 किलो वाले गैसे सिलेंडर की कीमत 1977 रुपये हो गयी है। नवंबर में इसकी कीमत 1961 रुपये थी।
अगर 14 किलो वाले घरेलू गैस सिलेंडर की बात करें तो इसके दाम पिछले कुछ महीने से स्थिर हैं। फिलहाल रांची में इसकी कीमत 860.50 रुपये है। घरेलू गैस की कीमत में अंतिम बार बदलाव मार्च 2024 में देखने को मिला था जिसमें 100 रुपये की कटौती की गयी थी।
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