टीम एबीएन, पतरातू/ रांची। झारखंड बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। पतरातू पावर प्लांट से 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन बिजली की आपूर्ति (व्यवसायिक उत्पादन) शुरू कर दी जायेगी। यह बिजली करार के मुताबिक, राज्य सरकार को 2.73 रुपए प्रति यूनिट की दर से मिलेगी। पतरातू प्लांट की कुल क्षमता 4000 मेगावाट होगी, जिससे झारखंड को 3200 से 3500 मेगावाट बिजली मिलने की संभावना है।
यह राज्य की पीक आवर में 3200 मेगावाट की मांग को पूरा करने में सहायक होगा। औद्योगिक और घरेलू मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। प्लांट की पहली यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसमें से 85 फीसदी झारखंड को और 15 फीसदी केंद्र को मिलेगा। पतरातू से कटिया ग्रिड तक 6.6 किमी लंबी 400 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन को सफलतापूर्वक चार्ज कर लिया गया है।
यह लाइन पतरातू ग्रिड को कटिया ग्रिड से जोड़ेगी, जिससे झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के माध्यम से हटिया और अन्य ग्रिडों को बिजली आपूर्ति संभव होगी। इस लाइन की लागत 64.51 करोड़ रुपये है।
पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को बनहर्दी कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया है, जिसका उपयोग पतरातू पावर प्लांट के लिए कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किया जायेगा। इस कोल ब्लॉक में लगभग 1372.21 मिलियन टन कोयला होने का अनुमान है, जिसमें से 270.81 मिलियन टन निकाला जा सकता है।
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