टीम एबीएन, रांची। आज यानी गुरुवार को झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र का चौथा और आखिरी दिन है। आज सदन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के अभिभाषण पर चर्चा होगी। इसके साथ ही अनुपूरक बजट पर भी चर्चा होगी। बता दें कि बीते बुधवार को यानी झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरा दिन वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने 11 हजार 697 करोड़ 45 लाख का अनुपूरक बजट पेश किया। इसके अलावा आज सदन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में हेमंत सोरेन सरकार का रोडमैप प्रदेश के लोगों के सामने रखा। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि राज्य के सभी नवनिर्वाचित विधायक सुखी, समृद्ध एवं उन्नत झारखंड के निर्माण के लिए पूरी निष्ठा से काम करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि पंचम विधानसभा में हेमंत सरकार ने आदिवासियों को 28 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत आरक्षण देने के अलावा सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास किया था।
ये सभी प्रस्ताव अभी केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास लंबित हैं। सरकार, केंद्रीय गृह मंत्रालय से इन प्रस्तावों को जल्द मंजूरी दिलाने का प्रयास करेगी। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार और अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के पास झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया वापस लाने के लिए राज्य सरकार कानूनी रास्ता भी अपनायेगी। उन्होंने कहा कि हो, मुंडारी, कुडुख और अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल करेंगे। सरकार आदिवासी-मूलवासी को स्थानीय नीति बनाकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने के लिये प्रतिबद्ध है।
राज्यपाल ने कहा कि नवनिर्वाचित सरकार संघीय ढांचे की स्वस्थ परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी। गंगवार ने कहा, केंद्र और राज्य के आपसी सहयोग से ही राज्य के लोगों का सर्वांगीण विकास संभव है। हम सभी इस विश्वास के पक्षधर हैं। हमारी सरकार संघीय ढांचे की स्वस्थ परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी।
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