क्या 2026 में भी बरकरार रहेगी सोने की चमक

 

सोने की कीमतों में 60% की ऐतिहासिक तेजी 

एबीएन बिजनेस डेस्क। एक्सिस डायरेक्ट का एनालिसिस कहता है कि लॉन्ग टर्म में सोने की मांग और कीमतें मजबूत रह सकती हैं। लेकिन 2026 में इसमें ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सोने पर दांव लगाने वाले निवेशकों ने साल 2025 में शानदार कमाई की है। 

एक्सिस डायरेक्ट की 2026 आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल सोने की कीमतों में 60% से ज्यादा उछाल आया है। यह 1979 के बाद सबसे बड़ी सालाना बढ़त है। इस जोरदार तेजी के बाद भारतीय निवेशकों के मन में एक बड़ा सवाल है: क्या 2026 में भी सोना ऐसी ही चमक बनाए रखेगा, या फिर कीमतें ज्यादा बढ़ जाने से इसमें गिरावट आ सकती है? 

एक्सिस डायरेक्ट का एनालिसिस कहता है कि लॉन्ग टर्म में सोने की मांग और कीमतें मजबूत रह सकती हैं। लेकिन 2026 में इसमें ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सोने की कीमतें अब नीतिगत फैसलों, दुनिया के राजनीतिक हालात और अंतरराष्ट्रीय बाजार की लिक्विडिटी पर निर्भर करेंगी। 

2025 में सोना क्यों चमका? 

  • रिपोर्ट में पांच बड़े कारण बताये गये हैं, जिनकी वजह से 2025 में सोना रिकॉर्ड ऊंचाइयों पर पहुंच गया। 
  • अमेरिका में राजनीतिक उथल-पुथल और टैरिफ वॉर : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार फेडरल रिजर्व पर ब्याज दरें घटाने का दबाव बनाया। साथ ही नए और सख्त टैरिफ लगाए। इससे दुनियाभर के बाजारों में अनिश्चितता बढ़ी और निवेशकों ने सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में सोने का रुख किया। 
  • फेड द्वारा लगातार ब्याज दरों में कटौती : फेड ने सितंबर और अक्टूबर 2025 में ब्याज दरें कम कीं और दिसंबर में एक और कटौती की उम्मीद है। अमेरिका में गिरती यील्ड्स ने सोने को और आकर्षक बना दिया। 
  • केंद्रीय बैंकों की रिकॉर्ड खरीदारी : पिछले साल विभिन्न देशों ने अपनी रिजर्व में 1,180 टन सोना जोड़ा और 2025 में भी लगभग 1,000 टन तक की खरीद की संभावना है। इससे सोने की मजबूत मांग बनी हुई है। 
  • ग्लोबल डी-डॉलराइजेशन : कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने डॉलर से निवेश हटाकर सोने को अपनी रिजर्व एसेट के रूप में चुना। इससे सोने की मांग और बढ़ी। 
  • ईटीएफ में तेजी से निवेश बढ़ना : दुनिया भर के गोल्ड ईटीएफ में पूरे साल बड़े पैमाने पर निवेश आया, जिससे संस्थागत निवेशकों का सोने पर मजबूत भरोसा दिखा। 

2026 में सोने के दाम इन वजहों से बढ़ने की उम्मीद 

  • एक्सिस डायरेक्ट के अनुसार, कई ऐसे फैक्टर हैं जो अगले साल सोने को नयी ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं: 
  • हाइपरइन्फ्लेशन का खतरा:अगर केंद्रीय बैंक, खासकर अमेरिकी फेड, बढ़ते कर्ज को संभालने के लिए और ज्यादा नोट छापते हैं। 
  • डी-डॉलराइजेशन की रफ्तार बढ़ना: जिससे सोने की भूमिका एक रिजर्व करेंसी के रूप में और मजबूत होगी। 
  • ईटीएफ में लगातार बढ़ता निवेश: जो सोने की कीमतों को आगे बढ़ा सकता है। 
  • 2026 की शुरुआत में फेड द्वारा और ब्याज दरें घटाना: इससे वास्तविक यील्ड्स कम होंगी और सोने की मांग बढ़ेगी। 
  • भू-राजनीतिक तनाव जारी रहना: मध्य पूर्व, यूक्रेन और अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक रिश्तों में अनिश्चितता से सोने को सपोर्ट मिलेगा। इन 
  • सब कारकों का मिलाजुला असर सोने की लंबी तेजी को जारी रख सकता है। 

लेकिन यह तेजी रुक भी सकती है अगर 

  • रिपोर्ट ने कुछ ऐसे जोखिम भी बताये हैं, जो 2026 में सोने की तेजी को धीमा या रोक सकते हैं: 
  • अगर महंगाई कम न हुई तो दुनियाभर के केंद्रीय बैंक फिर से सख्त रुख अपना सकते हैं। 
  • अमेरिकी डॉलर की मजबूती, जो आमतौर पर सोने की कीमतों को नीचे लाती है। 
  • केंद्रीय बैंकों द्वारा खरीद में कमी, खासकर चीन और उभरते बाजारों में। 
  • भू-राजनीतिक तनाव कम होना, जिससे सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग घट सकती है। 
  • शेयर बाजार, टेक सेक्टर और क्रिप्टो में अच्छा प्रदर्शन, जिससे निवेशक सोने से पैसा निकालकर उन बाजारों में लगा सकते हैं। 
  • ऊंची कीमतों या कड़े आयात नियमों के कारण भारत और चीन में फिजिकल सोने की मांग में गिरावट आना। 
  • भारतीय निवेशकों के लिए खासकर, कमजोर रुपये और ऊंचे आयात शुल्क से घरेलू मांग पर कुछ समय के लिए दबाव आ सकता है। 
  • मंथली टाइमफ्रेम के हिसाब से देखें तो सोना अभी भी लॉन्ग टर्म के लिए मजबूत तेजी दिखा रहा है।

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