एबीएन न्यूज नेटवर्क, पटना। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्न हो गई। सीएम नीतीश कुमार ने 43 प्रस्तावों पर मुहर लगा दी। बिहार सरकार ने विशिष्ट शिक्षक नियमावली को मंजूरी दे दी है। अब सक्षमता परीक्षा तीन की जगह पांच बार होगी। बिहार अब 85 हजार 609 नियोजित शिक्षक बचे हुए हैं। इन्हें सक्षमता परीक्षा देना है। बिहार सरकार ने शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
अब अनुशासनहीनता के मामले में सख्त कार्रवाई होगी। अगर किसी शिक्षक पर अनुशासनहीनता का आरोप लगता है तो उनपर कड़ी कार्रवाई होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी उनका तबादला प्रखंड स्तर पर कर सकते हैं। साथ ही दूसरे जिले में तबादले को लेकर अनुशंसा करेंगे। हालांकि शिक्षक अपने ट्रांसफर को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी के पास अपील कर सकते हैं। उनके पास अपील करने का अधिकार दिया गया है।
छठे केंद्रीय वेतनमान में वेतन और पेशन प्राप्त कर रहे बिहार सरकार के सरकारी सेवकों, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशन भोगियों को एक जुलाई 2024 के प्रभाव से 239 प्रतिशत के जगह अब 246 प्रतिशत महंगाई भत्ते के भुगतान के प्रस्ताव पर स्वीकृति लगा दी गई। इधर, प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के 459 नए पदों के सृजन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गयी है।
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में आंगनबाड़ी केंद्र के लिए भवन निर्माण के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है। राज्य में 2500 आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण के लिए 300 करोड रुपए की लागत आएगी। इसमें नाबार्ड से 255 करोड़ एवं राज्य योजना मत से 45 करोड रुपये के व्यय की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा पटना सर्किट हाउस में अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए 34 करोड़ 26 लाख रुपये की तकनीकी प्राक्कलन पर प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है।
वहीं स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के अधीनपूर्व से सृजित कुल छह पदों का प्रत्यर्पण और कुल पांच नये पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। वहीं नेत्र विज्ञान केंद्र, राजेंद्र नगर पटना के सुगम संचालन के लिए पूर्व सृजित विभिन्न कोर्ट के अनुपयोगी 18 पदों के प्रत्यर्पण एवं 72 अतिरिक्त पदों के सृजन के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गयी।
इससे पहले दो दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसमें 33 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी। नीतीश सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी गई। जमीन सर्वे के लेकर हो रही परेशानी को देखते हुए बिहार सरकार ने इसकी छह महीना बढ़ा दी। हालांकि, इसके संकेत पहले ही दे दिये गये थे।
बिहार सरकार ने मंत्री दिलीप जायसवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान जमीन सर्वे में लोगों को छूट देने का एलान किया था। इसके अलावा राज्य में पर्यटन के विकास को बढ़ावा देने के लिए सहरसा के मत्स्यगंधा झील और कैमूर के करमचट में ईको टूरिज्म हब बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी थी।
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