एबीएन सोशल डेस्क। मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद ज़ाकिर हुसैन लगभग 2 हफ़्ते से बीमार चल रहे थे। रविवार को इलाज के दौरान निधन हो जाने से संगीत जगत में शोक की लहर है।ज़ाकिर हुसैन महज़ 12 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में क़दम रख लिया था।छोटी उम्र से ही उन्होंने तबले की आवाज़ से जादू बिखेरना शुरू कर दिया था। उन्होने 1973 में अपना पहला अलबम लिविंग इन द मटेरीयल वर्ल्ड आया था।
उन्होंने अपने जीवन में कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों और अलबमों में अपने तबले का दम दिखाया। ज़ाकिर हुसैन को केवल 37 साल की उम्र में 1988 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उसके बाद 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था।
12 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।ज़ाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया था। ज़ाकिर हुसैन दुनिया से अलविदा कह गये, लेकिन संगीत की दुनिया में वह अमर है। शहर के प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक सौरभ दुबे को भी तबला नवाज़ का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है । उस्ताद जी को विनम्र श्रद्धांजलि...।
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