लोहरदगा। उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जलस्त्रोतों का रिचार्ज को सुदृढ़ किये जाने किये जाने पर बल दिया गया। इस बैठक में मुख्य रूप पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया कि जितने जलस्त्रोतों की जांच नहीं की गई है उन जगहों का भी सैंपल प्राप्त कर उसकी जांच सुनिश्चित की जाय। इस बिंदु पर कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि अब बायोकेमिकल जांच राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद केंद्र, रांची द्वारा किया जा रहा है। उपायुक्त द्वारा जिला पंचायती राज पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि विभाग से इस बिंदु पर मार्गदर्शन मांगे कि इस जांच में आनेवाले खर्च का भुगतान किस मद से किया जायेगा। बैठक में जिला मत्स्य पदाधिकारी को अपने अधीनस्थ सभी जलस्त्रोतों की जांच कराने का निदेश दिया गया। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया गया कि डीप बोरिंग की वजह से पानी का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है, इस पर नियंत्रण लगायें। झरना व तालाबों के जल संरक्षण के लिए भी उपाय किये जायें। रेनवाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए गांवों में मनरेगा के अंतर्गत टीसीबी, डोभा निर्माण योजना को ज्यादा से ज्यादा लिये जाने को प्रोत्साहित करें। जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी को पक्युर्लेशन टैंक व तालाबों का निर्माणसे जलसंरक्षण को सुदृढ़ बनाने हेतु किये जाएं। 15वें वित्त आयोग योजनामद से कराने के लिए प्रखंडों में पंचायत सचिवों की एक कार्यशाला आयोजित कराने का निदेश दिया गया। लघु सिंचाई प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता को निदेश दिया गया कि किस्को प्रखंड के ठकुराईन डेरा स्थित औराझरिया नाला में चेकडैम निर्माण का कार्य जून माह से पूर्व पूर्ण करा लें। भवन प्रमंडल को निदेश दिया गया कि जितने सरकारी भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिंग का कार्य किया गया है उससे संबंधित प्रतिवेदन जल्द समर्पित किया जाय। नगर पर्षद कार्यपालक पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि पूर्व की तरह सूखा एवं गीला कचरा प्रबंधन करने के साथ-साथ अब ई-कचरा का भी प्रबंधन करें। सिविल सर्जन को निदेश दिया गया कि अब तक मेडिकल वेस्ट डिस्पॉजल सिस्टम के अंतर्गत कितने अस्पतालों में इस प्रणाली के तहत कचरा प्रबंधन हो रहा है तो कितने अस्पतालों में यह किया जा रहा है, इसका प्रतिवेदन दिया जाय। अनुमंडल पदाधिकारी एवं डीएसपी को निदेश दिया गया कि रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक के बीच ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए,लाउड स्पीकर न बजे यह सुनिश्चित किया जाय। जिला परिवहन पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि नियमित रूप से वाहनों में प्रदूषण की शर्तों के पालन से संबंधित जांच किया जाय। बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार, उप विकास आयुक्त अखौरी शशांक सिन्हा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी अनुराधा कुमारी, नगर पर्षद कार्यपालक पदाधिकारी देवेंद्र कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी कमरूज्जमां, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी शिव कुमार राम, सहायक जिला खनन पदाधिकारी भोला हरिजन, आपदा प्रबंधन पदाधिकारी विभाकर कुमार, सभी संबंधित कार्यपालक अभियंता, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण के प्रतिनिधि समेत हिंडाल्को प्रबंधन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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