क्या सचमुच नजरबंद हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग?

 

एबीएन सेंट्रल डेस्क। चीन के सोशल मीडिया से लेकर कई अपुष्ट खबरें हैं, कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नजरबंद कर चीन में सैन्य तख्तापलट कर दी गई है। वहीं, चीन का बाकी दुनिया से नहीं के बराबर संपर्क है, लिहाजा चीन में इस वक्त क्या हो रहा है, इसकी भी कुछ जानकारी नहीं है। लेकिन, चीनी सोशल मीडिया पर हजारों लोग लिख रहे हैं, कि शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। कोरोना संकट के बाद से ही शी जिनपिंग पिछले दो सालों से चीन से बाहर नहीं निकले थे और पहली बार वो उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात वैश्विक नेताओं से हुई थी, लेकिन पुतिन के अलावा किसी और नेता से उनकी द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई और अब ऐसी रिपोर्ट है, कि शी जिनपिंग को नजरबंद कर लिया गया है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक, शी जिनपिंग की मुलाकात लंबे अर्से से चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी के भी बड़े नेताओं से नहीं हुई है और दो सालों में पहली बार शी जिनपिंग को देश से बाहर निकलते हुए देखा गया, जब उन्होंने समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। वहीं, शी जिनपिंग का इस साल जून में सऊदी अरब का दौरा भी रद्द हो गया था, जिसके लिए सऊदी ने काफी तैयारियां कर रखी थीं। वहीं, एससीओ संगठन का संस्थापक सदस्य होने के बाद भी चीनी नेता ने शिखर सम्मेलन में सक्रिय रूप से भाग नहीं लिया। उन्होंने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन पर कोई यादगार भाषण नहीं दिया। पुतिन के अलावा नरेंद्र मोदी, या इस संगठन के किसी अन्य प्रमुख नेताओं से उनकी मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने पुतिन के साथ डिनर कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया था और इसके पीछे कोविड को वजह बताया गया और बाद में पता चला कि, एससीओ शिखर सम्मेलन के आधिकारिक समापन से पहले शी जिनपिंग मुश्किल से बीजिंग के लिए रवाना हुए थे। शायद वह किसी बड़ी और भयावह बात को लेकर चिंतित और भयभीत थे। अब बीजिंग से सामने आ रही खबरें दुनिया को हिला सकती हैं। वैश्विक मीडिया को पता नहीं है कि शी जिनपिंग के घर पर उनके साथ क्या हो रहा है। ईमानदारी से, इस समय जो लोग चाहते हैं कि तानाशाह सत्ता में बना रहे, उन्हें अपने तीसरे कार्यकाल के बारे में भूल जाना चाहिए, ऐसा प्रतीत होता है कि चायनीज कम्युनिस्ट पार्टी के दिग्गजों ने पहले ही सत्ता के लिए उसकी लालसा को कुचल दिया है। हालांकि, पिछले साल ये रिपोर्ट आई थी, कि चीन में शी जिनपिंग का विरोध गुट काफी एक्टिव है, जिसमें चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग भी शामिल थे, लेकिन बाद में आई मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर अपने तमाम विरोधियों को निपटा दिया है। चीनी सोशळ मीडिया पर हजारों की संख्या में लोग लिख रहे हैं, कि बीजिंग पर सैन्य कब्जा हो गया है और शी जिनपिंग का तख्तापलट हो गया है, हालांकि, दुनिया को पता नहीं है कि क्या हो रहा है क्योंकि शहर अंततः दुनिया से कट गया है। न्यूज हाईलैंड विजन के अनुसार, पूर्व चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और पूर्व चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने स्थायी समिति के पूर्व सदस्य सोंग पिंग को मनाकर सेंट्रल गार्ड ब्यूरो (सीजीबी) का नियंत्रण वापस अपने हाथों ले लिया है। आपको बता दें कि, सीजीबी का उद्देश्य, कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के सदस्यों और अन्य सीसीपी नेताओं को सुरक्षा प्रदान करना है। सीजीबी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार है और अगर सीजीबी पर किसी और का नियंत्रण हो गया, तो इसे सैन्य तख्तापलट ही कहा जायेगा।

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse