टीम एबीएन, बोकारो/रांची। बोकारो में एक किसान ने अपने पेड़ों के एक साल पूरे होने पर केक काट कर उनका जन्म दिवस मनाया है, जिसको लेकर किसान की चारों तरफ चर्चा हो रही है। इसके अलावा किसान रामेश्वर की लोगों के द्वारा सराहना भी की जा रही है। लोगों ने यहां पर पेड़ लगाकर इसे आमदनी का एक जरिया भी बनाया है। यहां के लोग आम की बागवानी को लेकर बेहद उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। बोकारो के गोमिया को एक समय पर नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। लेकिन आज के समय में गोमिया में आम बागवानी को लेकर किसान काफी उत्साहित हैं। आम बागवानी को किसान नये रोजगार के अवसर के रूप में देख रहे हैं। खेतीबारी के साथ-साथ बंजर पड़ी भूमि पर कड़ी मेहनत कर बागवानी करने में जुट गये हैं। ऐसे ही चतरो चट्टी के एक किसान रामेश्वर महतो ने अपनी मेहनत से आसपास के किसानों के लिए एक उदाहरण पेश किया है। बीते एक साल से लगातार कड़ी मेहनत करके उसने अपनी एक एकड़ बंजर जमीन में लगाये गये आम बागवानी को संरक्षित करने का कार्य किया है। एक साल पूरा होने पर पूरे उत्साह के साथ केक काट कर बागवानी का बर्थडे सेलिब्रेट किया। इसके अलावा ड्रोन कैमरे के माध्यम से बर्थडे सेलिब्रेट का रिकॉर्डिंग भी की। किसान रामेश्वर महतो का कहना है कि एक साल पहले आज ही के दिन एक एकड़ बंजर जमीन पर कड़ी मेहनत कर 112 आम के पेड़ लगाए थे। पिछले एक साल से कठिन हालातों में इन पेड़ों की देखभाल करते हुए बड़ा किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग अपने बच्चों का जन्मदिन मनाते हैं ये पेड़ भी बच्चों से कम नहीं हैं। जिस तरह बच्चों का पालन पोषण किया जाता है। ठीक उसी तरह पिछले एक साल से वह इस बागवानी में लगे 112 आम के पेड़ों की भी देखरेख कर रहा है। इसलिए आज उनका केक काटकर बर्थडे सेलिब्रेट किया है। रामेश्वर ने सभी किसानों से आम बागवानी कार्य से जुड़ने का आग्रह किया और बंजर भूमि को सदुपयोग करने को कहा। रामेश्वर का कहना है कि बागवानी आय के स्रोत के साथ पर्यावरण के लिए भी उपयोगी है। इसके लिए मनरेगा योजना भी काफी उपयोगी है और उसका भी लाभ इस क्षेत्र में लगातार मिल रहा है। साथ ही बीडीओ भी मदद कर रहे हैं।
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