झारखंड : पर्यटन स्थलों के विकास और संचालन में अब प्राइवेट पार्टनर निभायेंगे बड़ी भूमिका

 

टीम एबीएन, रांची। झारखंड सरकार ने पीपीपी मोड (लोक निजी सहभागिता) के आधार पर पर्यटन स्थलों को विकसित करने की योजना बनायी है। इसके पर्यटन स्थलों को पीपीपी मोड पर संचालित करने के लिए दिया जायेगा। चयनित एजेंसी पर्यटन स्थलों को डेवलप करने के साथ उसे संचालित भी करेगी। 

इस फैसले से राज्य में पर्यटन स्थल के आसपास रहने वाले लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक कुल 25 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गयी। बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि 203 कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कार्यरत 1234 नॉन टीचिंग स्टाफ के मानदेय में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इनमें रसोईया से लेकर अन्य कर्मी शामिल है।

 राज्य में संचालित नर्सिंग संस्थानों में प्रशिक्षण लेने वाली नर्सां को अब राज्य के जिला या मेडिकल अस्पतालों में एक साल तक काम करना होगा। इसके लिए बांड भी भरना होगा, जो नर्से बांड के तहत काम नहीं करेगी। उन्हें एक लाख रुपया देना होगा। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सूखाग्रस्त प्रखंड में राहत के लिए 268 करोड़ रुपये जेसीएफ से लोन लेने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी। जबकि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के औपबंधिक कार्यक्रम को भी मंजूरी दे दी गयी। 

कॉफी टेबल बुक के निर्माण के लिए 19 लाख रुपये की लागत आयेगी। जबकि रांची के चिरौंदी स्थित तारामंडल के संचालन की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गयी है। इसके तहत तीन वर्ष संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। रांची में स्मार्ट सिटी की भूमि के लिए एचईसी को 2.48 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।

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