टीम एबीएन, पटना/रांची। बिहार के लोग मजदूर से मालिक बनने की राह पर हैं। वह रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनना चाहते हैं। खुद का उद्योग लगाकर उद्योगपति बनना चाहते हैं। ऐसे लोगों की हमें मदद करनी है। ऐसे लोग ही बिहार को उपभोक्ता राज्य से उत्पादक राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। पटना के अधिवेशन भवन में राज्य के सभी उप विकास आयुक्तों के लिए आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए बिहार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि यदि आप किसी एक व्यक्ति को उद्योग स्थापित करने में मदद करते हैं तो उसकी एक पीढ़ी नहीं बल्कि कई-कई पीढ़ियां आपको याद करेंगी। जिलों में जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त नये उद्यमियों को मोटिवेट करें और उनकी दिक्कतों को दूर करने के लिए आगे आयें। नये उद्यमियों को बिहार में बैंकों से ऋण लेने में भी परेशानी होती है। बैंकों की नियमित मॉनिटरिंग करें। बिहार के पास बड़ा लैंड बैंक है। बिहार के पास स्किल्ड और अनस्किल्ड लेबर का बड़ा फोर्स है। बिहार में बड़ा बाजार है, भरपूर पानी है। उद्योग लगाने के लिए यह सब महत्वपूर्ण कारक हैं। हमें आत्मनिर्भर भारत के साथ-साथ आत्मनिर्भर बिहार भी बनाना है। लोगों की सोच बदलनी है। सोच बदलेगी तो युगांतकारी बदलाव आयेगा। रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पौण्डरीक ने कहा कि बिहार के सभी इंडस्ट्रियल एरिया का विकास किया जायेगा। उद्योग लगाने के लिए 9 जिलों में प्लग एंड प्ले फैसिलिटी विकसित की गई है। इंडस्ट्रियल शेड तैयार हैं, बिहार तैयार है। उद्योग लगाने के लिए इंडस्ट्रियल शेड में बहुत कम मासिक दर पर उद्यमियों को उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन बियाडा के वेबसाइट पर देना है। उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग की योजनाओं के संबंध में युवाओं को पूरी जानकारी उपलब्ध करायें। बिहार में उद्योग के क्षेत्र में सफलता की अनेक कहानियां हैं जिनसे प्रेरणा लेकर युवा उद्योग लगाने के लिए आकर्षित होंगे। जिलों में उप विकास आयुक्तों को ऋण वितरण के साथ-साथ नए उद्योग लगाने पर भी फोकस करना है। उन्होंने कहा कि बिहार को बिक्री वाले राज्य से विनिर्माण वाले राज्य के रूप में आगे बढ़ाना है। कार्यशाला में उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित, तकनीकी विकास निदेशालय के निदेशक संजीव कुमार, खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय के निदेशक विवेक रंजन मैत्रेय, उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक आलोक कुमार तथा विशेष सचिव दिलीप कुमार ने भी उद्योग विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मोतिहारी के जिलाधिकारी शीर्षथ कपिल अशोक, जहानाबाद के जिलाधिकारी रिची पांडे, बांका के जिलाधिकारी अंशुल कुमार और वैशाली के जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने अपने-अपने जिलों में चलायी जा रही योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी और सक्सेस मॉडल प्रस्तुत किये। यशपाल मीणा ने वैशाली जिले में केला फाइबर उद्योग लगाने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। निदेशक संजीव कुमार ने कार्यशाला में जानकारी दी कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत वर्ष 2022-23 के लाभुकों के चयन हेतु प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए इसके लिए आवेदन 1 दिसंबर से आमंत्रित किये जायेंगे। इस योजना के तहत 8000 लाभुकों का चयन किया जायेगा। कार्यशाला में उद्योग विभाग की पत्रिका उद्योग संवाद के नये अंक का विमोचन उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने किया।
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