एबीएन डेस्क। एक तरफ जहां भारत में कोरोना के मामलों में रोजाना गिरावट देखी जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर चौथी लहर की भी खबरें सामने आ रही है। एक स्टडी के मुताबिक देश में इस साल जून के महीने में कोरोना की चौथी लहर दस्तक दे सकती है। आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने चेतवानी दी है कि कोविड-19 महामारी की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और अगस्त के अंत तक चरम पर हो सकती है। स्टडी के मुताबिक चौथी लहर का असर करीब चार महीने तक बना रह सकता है। इंडिया टुडे में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी कानपुर के एक वरिष्ठ शोधकर्ता के मुताबिक, टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की संभावना और चौथी लहर से संबंधित विभिन्न मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह अध्ययन आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, शुभ्रा शंकर धर और शलभ ने किया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में किए गए एक और हालिया अध्ययन से पता चला है कि अगला कोरोना वैरिएंट दो अलग-अलग तरीकों से उभर सकता है और इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नया वैरिएंट पहले से पहचाने गए लोगों की तुलना में कम गंभीर होगा। आपको बता दें कि शनिवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 8,013 नए मामले सामने आने के बाद देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4,29,24,130 हो गई। करीब दो महीने बाद संक्रमण के दैनिक मामले 10 हजार से कम सामने आए हैं। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,02,601 रह गई है।
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