टीम एबीएन, पलामू। शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए संसाधन अहम माना जाता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य सरकार और शिक्षा विभाग भले ही शैक्षणिक गुणवत्ता संसाधन शिक्षा की मूलभूत सुविधा और व्यवस्था मुहैया कराने के लिए लाख दावे करें पर पलामू जिले में इसकी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। यह खबर हैरान करने वाली है तो है ही साथ ही शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाले भी है चुकी यह तस्वीर शिक्षा की बदहाली समस्या का विषय बना हुआ है। जिला मुख्यालय मेदनीनगर (डाल्टनगंज) में एक कैम्पस में दो मध्य विद्यालय संचालित हो रहा है और दोनों विद्यालय दो कमरों में संचालित हो रहा है, और यह विद्यालय कई वर्षो से संचालित हो रहा है। विद्यालय के एक कमरे में वर्ग 1 से 8 तक तो दूसरे में वर्ग 1 से 7 तक चल रहा है। साथ ही इसी कमरे में रसोई घर और शिक्षिका का कार्यालय भी चल रहा है। वहीं आपको बता देगी दोनों विद्यालय में दो शिक्षिका स्थापित है। वहीं छात्रों की संख्या की बात की जाए तो दोनो विद्यालय में 140 है जिसमें वर्ग 1 से 7 में 60 तो वर्ग 1 से 8 में 80 है। महज एक ही कमरे में दो भिन्न-भिन्न वर्ग के छात्र को एक साथ पढ़ाया जाता है, अब शिक्षक के द्वारा पढ़ाया गया पाठ कितना ग्रहण कर पाते होंगे यह सोचनीय बात है। कोरोना काल के बाद खुले सरकारी स्कूल सरकार की गाइडलाइन और अब ऐसी स्थिति में कोरोना से बचाव को लेकर शारीरिक दूरी का गाइडलाइन पर कितना अमल हो पाता है। यह तस्वीर देखकर समझा जा सकता है इतना ही नहीं दर्जनों बच्चे बोरा बिछा कर विद्यालय के बाहर जमीन पर भी बैठे हैं। जिनको विद्यालय की रसोईया रहनुमा खातून पढ़ा रही है क्योंकि आज इन्हीं के सहारे ही विद्यालय संचालित हो रहा है, रसोईया से पूछने पर बताया की विद्यालय की प्रभारी शिक्षिका बीमार हैं इसीलिए वो बच्चों को पढ़ा रही है।
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