टीम एबीएन, गुमला। जिले के मॉडर्न सदर अस्पताल में मरीजों के साथ साथ मुर्दे का भी इलाज किया जा रहा है। ये कारनामा अस्पताल में तब हुआ जब सांस की बीमारी से ग्रसित 70 वर्षीय दुलारी देवी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। करीब आधे घंटे तक बेड पर लावारिश हालत में पड़े रहने के बाद दुलारी देवी की मौत हो गई। जिसके बाद मरीज के परिजनों के हंगामे के भय से अस्पताल कर्मियों ने मुर्दे का इलाज शुरू कर दिया। दरअसल, 70 साल की दुलारी देवी को सांस की गंभीर बीमारी के बाद गुमला सदर अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने मरीज महिला वार्ड 223 में भर्ती के लिए भेज दिया। जिसके बाद दुलारी देवी कई घंटे तक अस्पताल के स्ट्रेचर पर इलाज के लिए छटपटाते रही। परिजनों के कई बार कहने के बावजूद दुलारी देवी का इलाज शुरू नहीं किया जा सका। परिजनों के द्वारा मीडिया से मदद मांगने पर उसका इलाज तो शुरू हुआ लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। परिजनों के मुताबिक मीडिया के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल के कर्मी करीब दो घंटे तक मृत शरीर का इलाज करते रहे। मौत के बाद दुलारी देवी को ऑक्सीजन सलाइन चढ़ाया गया, जिसका कोई फायदा नहीं हुआ। मुर्दा शरीर में जान फूंकने का नाटक लगातार कई घंटों तक अस्पताल में चलता रहा : इसी बीच अस्पताल में नर्सों का शिफ्ट बदलने पर दूसरे नर्स ने जब मरीज की जांच की तो उसे कुछ शक हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों को इसकी सूचना दी गई। डॉक्टरों के चेक करने पर करीब 2 घंटे पहले ही मरीज की मौत का खुलासा हुआ। वहीं अस्पताल की लापरवाही सामने आने के बाद परिजनों ने मुआवजे की मांग की है। इधर, मीडिया के द्वारा मामले को लेकर अस्पताल के उपाधीक्षक आनंद उरांव ने साफ कहा कि लापरवाही का कोई स्थान नहीं है। मामला संज्ञान में आया है जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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