टीम एबीएन, रांची। झारखंड गठन के 25 साल पूरा होने के उपलक्ष्य पर झारखंड सरकार रजत जयंती मना रही है, तो वहीं दूसरी ओर बिहार से अलग झारखंड निर्माण के लिए आंदोलन करने वाले और झारखंड की दिशा तय करने वाले, अलग राज्य का नारा बुलंद करने वाले कांग्रेस के दिग्गज रांची के पूर्व विधायक और राज्यसभा सांसद सह झारखंड आंदोलनकारी रहे दिवंगत ज्ञान रंजन को उनके साथ झारखंड आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले झारखंड प्रदेश जमीयतुल कुरैश के प्रदेश अध्यक्ष सह झारखंड आंदोलनकारी मुजीब कुरेशी ने अपने आवासीय परिसर में सेमिनार का आयोजन कराया।
झारखंड आंदोलनकारियों को याद किया गया। झारखंड आंदोलन पर ज्ञान रंजन के संघर्षों पर लंबी परिचर्चा की गयी। झारखंड आंदोलनकारी मुजीब कुरैशी ने बताया कि दिवंगत ज्ञान रंजन अगर आज होते तो कांग्रेस और झारखंड की दशा और दिशा की तस्वीर कुछ और होती। झारखंड एक विकसित, समृद्ध राज्य के रूप में अपनी पहचान बन चुका होता, लेकिन झारखंड गठन होने के पूर्व उनका निधन होना बहुत बड़ी क्षति थी।
झारखंड आंदोलन से जुड़े हुए आंदोलनकारी थे, उनको भी उनका हक और अधिकार झारखंड सरकार द्वारा अब तक नहीं मिल पाया है। उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर पहल करेंगे और आंदोलनकारियों को उनका हक और अधिकार, पेंशन आंदोलनकारी के बच्चों की पढ़ाई - लिखाई निशुल्क और जो सरकारी नौकरी देने की बात की है इसमें अमल किया जाये। हर साल की तरह झारखंड स्थापना दिवस के दिन भी दिवंगत ज्ञान रंजन को हम लोग याद करेंगे श्रद्धांजलि देंगे और एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी अगले साल से करेंगे।
मौके पर कांग्रेस नेता झारखंड आंदोलनकारी राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि हम लोग युवा थे और आंदोलन में शामिल होते थे। जब ज्ञान रंजन जी पूछते थे कि आंदोलन के लिए धरना प्रदर्शन, रैली के लिए लोगों की जरूरत है तो मुजीब कुरैशी का पहला नाम आता था, करीब 200 से 300 बसों में बुंडू, तमाड़, राहे, अड़की, कांटा टोली से रैली में लोगों को ले जाने का जिम्मा देते थे और मोराबादी का आधा से ज्यादा कोना लोगों से भर दिया जाता था। झारखंड आंदोलनकारी के रूप में हम लोगों ने काम किये हैं।
मौके पर सभी लोगों ने मुजीब कुरैशी को बूके देकर सम्मानित किया। मौके पर फोलटू दा, पत्रकार प्रवेज कुरैशी, जमीयतुल कुरैश पंचायत के सदर गुलाम गौस कुरैशी ने भी अपने वक्तव्य को रखा और मंच संचालन गुलाम जावेद ने की । इस अवसर पर झारखंड आंदोलनकारी मुजीब कुरेशी, राजेश गुप्ता छोटू, फोलटू, मौलेश, आसिफ, तसलीम, शाहिद कुरैशी, इरफान कुरैशी, साजिद, महताब, मुस्तफा, सद्दाम कुरेशी, असब, दानिश, फरहाद, गुलाम शातिर फेकू, आशिक, राजू, अजहर सहित कई लोग शामिल थे।
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