हजारीबाग। हज़ारीबाग जिला सदर प्रखंड स्थित जुलजुल पहाड़ी की तलहटी पर बसा प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण मनोहारी और रमणीय स्थल बहोरनपुर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा वर्ष 2020 में 45 दिनों की खुदाई के पश्चात अनेकों पाषाण काल से जुड़ी खंडित मूर्तियां तथा कई कलाकृतियां प्राप्त हुई थी। जिसके बाद यहां विभाग द्वारा खुदाई का कार्य बंद कर दिया गया था। जिसे लेकर सदर विधायक मनीष जायसवाल ने झारखंड विधान सभा के पटल पर इस मामले को लाया था और सदन पटल पर कहा था कि क्षेत्र की और खुदाई करने से कई बहुमूल्य मूर्तियां मिलेंगी। उक्त क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होगी। वर्तमान वर्ष पुनः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहां 1 फरवरी 2021 से खुदाई चालू की गई। माउंट की खुदाई के महज कुछ ही दिनों में यहां ईंट से बनी श्राइन स्थल जमीन में दबा मिला। जिसके अंदर भगवान बुद्ध की कई मूर्तियों के साथ मां तारा की एक अलंकृत मूर्ति मिली है। मूर्ति व्हाइट फाइन सैंड स्टोन से बनी है और श्राइन का निर्माण काल 9 वीं से 12 वीं शताब्दी का बताया जा रहा है। महायान तिब्बती बौद्ध धर्म के संदर्भ में तारा या आर्य एक स्त्री बोधिसत्व है। वज्रयान बौद्ध धर्म में वे स्त्री बुध के रूप में है। वे मुक्ति की जननी के रूप में मानी जाती है। यहां मिल रहे पूरा अवशेष बौद्ध धर्म के परिपक्व होने के बाद के हैं। विगत 11 मार्च 2021 को इस खुदाई स्थल का निरीक्षण करने सदर विधायक मनीष जायसवाल स्वयं पंहूचे और वर्तमान यहां की वर्तमान वस्तु- स्थिति से अवगत होने के पश्चात शुक्रवार को इसे पुनः झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में पुरजोर तरीके से उठाया और ख़ुद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर भी उन्हें खुदाई स्थल से प्राप्त पुरावशेष और यहां की प्राकृतिक सौंदर्य की पूरी जानकारी दी। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने उन्हें बहरोनपुर से संबंधित तस्वीरें का एक संग्रह पुस्तिका भी भेंट किया और बताया की "इस क्षेत्र में पॉकेट में इस प्रकार की साइट्स का मिलना क्षेत्र के लिए सुखद संदेश है। उन्होंने यह भी बताया कि यहां इन सीटू प्लेस में जिस प्रकार संरक्षित मूर्तियां प्राप्त हो रही है ऐसे अन्य जगहों पर अमूमन नहीं मिलती हैं।हजारीबाग के जुलजुल पहाड़ियों की श्रृंखला में बौद्ध इतिहास छिपा है यह अब स्पष्ट है। यहां प्रकृति और संस्कृति कल्चर का बेहतर मेल भी है। विधायक श्री जायसवाल ने सदन पटल पर इस मामले में रखे गए बातों में एवं सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर जो मुख्य मांगें क्षेत्र की जनता की और से उन्होंने रखी उसमें हज़ारीबाग के इस बौद्ध धार्मिक स्थल को बुद्धिस्ट सर्किट से जोड़ने की कवायद अविलम्ब शुरू होनी चाहिए। मेरी जानकारी के मुताबिक पर्यटन विभाग पहले स्टेज में ईटखोरी स्थित कोटेश्वर नाथ सहस्र बुद्ध को सर्किट से जोड़ रहा है। मेरी मांग है कि इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हज़ारीबाग में स्थित इस बौद्ध धार्मिक स्थल को भी जोड़ा जाये। बुद्ध सर्किट में अभी भगवान बुद्ध का जन्म स्थल नेपाल का लुंबिनी, बोधि प्राप्ति स्थल बोधगया (बिहार) और यूपी के प्रथम उपदेश स्थल सारनाथ और निर्वाण स्थल कुशीनगर जुड़े हुए हैं। इस चेन से जुड़कर हज़ारीबाग भी प्रमुख बौद्ध स्थल के रूप में अपना स्थान बना सकेगा, यहां से प्राप्त पुरावशेष को खंडित होने और पुरातात्विक विभाग के गोडाउन में रखे जाने के बजाय इसे यहीं संरक्षित करने हेतु विशेष म्यूजियम का निर्माण करने और राष्ट्र के अन्य धरोहरों की भांति इस पुरातत्विक स्थल को भी राष्ट्रीय धरोहर मानकर इसका संरक्षण पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग के अधीन किए जाने की मांग करूंगा, ताकि या क्षेत्र पर्यटक क्षेत्र के रूप में विकसित हो सके और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो और इस स्थल की वर्त्तमान स्थिति दयनीय है और मौसम की जबरदस्त मार झेल रही है, अतः अगर इनके संरक्षण सम्बंधित निर्णय जल्द नहीं लिया गया तो यह अभूतपूर्व ख़ोज इतिहास ही हो जाएगा । विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि सदन पटल पर सरकार द्वारा एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा हमें आश्वासन दिया गया है कि क्षेत्र की जनता और हमारी इन मांगों को सरकार प्राथमिकता देते हुए अविलंब फ़ैसला लेकर इस स्थल का जीर्णोद्धार करने तथा यहां से प्राप्त पुरावशेष को यहां से कहीं बाहर नहीं ले जाने देकर यहीं संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने बताया कि इसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग के वरीय अधिकारियों को आदेश भी दिया है। इधर सदर विधायक मनीष जायसवाल द्वारा इस मामले को सदन पटल पर प्राथमिकता से उठाए जाने और मुख्यमंत्री से मिलकर इससे संबंधित जानकारी दिए जाने को लेकर हजारीबाग वासियों में उनके प्रति ख़ुशी की लहर है और लोग अपने- अपने तरीके से विधायक श्री जायसवाल को धन्यवाद दे रहे हैं ।
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