जेआरसी ने झारखंड के 24 जिलों को साल भर में बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य

 

  • जेआरसी ने झारखंड के 24 जिलों को साल भर में बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा

एबीएन सोशल डेस्क। वर्ष 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को नई गति और शक्ति देते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन ने एलान किया कि वह बाल विवाह की ऊंची दर वाले जिलों में गहन अभियान के जरिए अगले एक साल में एक लाख गांवों को बाल विवाह मुक्त बनाएगा। ये गांव उन जिलों में हैं जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे- 5 (2019-21) में उन जिलों के रूप में चिन्हित किए गए थे जहां बाल विवाह की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। 

झारखंड में बाल विवाह की ऊंची दर वाले 24 जिलों में बाल विवाह की दृष्टि से संवेदनशील गांवों की पहचान कर वहां लक्षित जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह एलान भारत सरकार के बाल विवाह मुक्त भारत के साल भर पूरा होने के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में किया गया जिसमें सरकार ने बाल विवाह के खात्मे के लिए 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान की शुरूआत की।

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) देश भर के 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों का नेटवर्क है जिसके 22 सहयोगी संगठन राज्य में जमीन पर काम कर रहे हैं। पिछले एक साल में ही इस नेटवर्क ने झारखंड में 16,348 बाल विवाह रुकवाए हैं। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम कर रहे नागरिक समाज संगठनों का देश का सबसे बड़ा नेटवर्क है। अपने सहयोगी संगठनों के साथ करीबी तालमेल व समन्वय से काम करते हुए इस नेटवर्क ने पिछले एक साल में ही देश में एक लाख से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं।  

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे- 5 के अनुसार झारखंड में बाल विवाह की दर 32.2 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत 23.3 प्रतिशत से खासी ज्यादा है। लेकिन राज्य के अलग-अलग इलाकों में बाल विवाह की दर में खासी असमानताएं देखने को मिली हैं। राज्य के जामताड़ा, देवघर, गोड्डा, गिरिडीह, पाकुड़, दुमका और कोडरमा जिलों में बाल विवाह की दर 40 प्रतिशत से ज्यादा है। इसके अलावा साहिबगंज, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, चतरा और गढ़वा जिलों में यह दर 30 से 39.9 प्रतिशत के बीच है। इसके अलावा चार और ऐसे जिले हैं जहां बाल विवाह की दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है।

भारत सरकार के अभियान को पूर्ण समर्थन देते हुए और अगले साल का रोडमैप साझा करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने में सामुदायिक समूहों, धार्मिक नेताओं, पंचायतों व नागरिकों की सबसे मुख्य भूमिका है। सरकार का बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल बन चुका है। यह बच्चों के खिलाफ इस अपराध के खात्मे के हमारे सामूहिक प्रयासों व सामूहिक प्रतिबद्धता का भी प्रतीक है। 

पिछले साल एक लाख से भी ज्यादा बाल विवाह रोके और रुकवाए गए जो यह दिखाता है कि जब समाज एकजुट होता है तो बदलाव अपरिहार्य है। हमने वादा किया है कि अगले एक साल में हम एक लाख गांवों को बाल विवाह मुक्त गांव बनाएंगे ताकि हर बच्चे को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर व एक सुरक्षित भविष्य मिले। विकसित भारत के व्यापक लक्ष्य की प्राप्ति में इन प्रयासों की गति काफी अहमियत रखती है। हम अगले तीन वर्षों में देश से बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और हमें विश्वास है कि यह संभव है।

प्रिवेंशन, प्रोटेक्शन, प्रासिक्यूशन के 3पी माडल यानी सुरक्षा से पहले रोकथाम, अभियोजन से पहले सुरक्षा और रोकथाम के लिए निवारक उपाय के तौर पर अभियोजन, पर अमल करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन ने 1 अप्रैल 2023 से 14 नवंबर 2025 तक देश में 4,35,205 बाल विवाह रोके हैं। स्कूलों, धार्मिक नेताओं, विवाह में सेवाएं प्रदान करने वालों व जनसमुदाय में बाल विवाह से जुड़े कानूनों के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता के प्रसार से बाल विवाह के बारे में आम लोगों की सोच और व्यवहार में बदलाव आया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को आगे बढ़ाने वाले बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शानदार सफलताओं के साल भर पूरे होने पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बाल विवाह के खात्मे के लिए 100 दिवसीय सघन जागरूकता अभियान शुरू किया। इस 100 दिवसीय कार्य योजना का समापन 8 मार्च 2026 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर होगा। राज्य, जिला और गांव स्तर पर इस अभियान को तीन चरणों में बांटा गया है। इसके पहले चरण में स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में जागरूकता के प्रसार पर जोर रहेगा। 

वहीं, दूसरे चरण में मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों पर जहां विवाह संपन्न कराए जाते हैं व विवाह में सेवाएं देने वाले बैंक्वेट हाल, बैंड बाजा वाले, कैटरर, डेकोरेटर इत्यादि पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। तीसरे और आखिरी चरण में बाल विवाह की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों, नगरपालिका के वार्डों व समुदाय स्तरीय भागीदारी और जिम्मेदारी को मजबूत किया जाएगा।

अधिसूचना के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और उच्च शिक्षा विभाग को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि लक्षित उद्देश्यों को हासिल किया जा सके। इससे संबंधित और जानकारी के लिए जितेंद्र परमार (8595950825) से संपर्क कर सकते हैं।

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse