एबीएन नॉलेज डेस्क। वैज्ञानिक जॉन क्लार्क, मिशेल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को साल 2025 का फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार मिलेगा। रॉयल स्वीडिश एकेडमी आफ साइंसेज ने इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन की खोज के लिए इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार देने का फैसला किया है।
दरअसल, इन वैज्ञानिकों ने एक इलेक्ट्रिकल सर्किट में क्वांटम प्रभावों को प्रदर्शित किया, जो इतना बड़ा है कि उसे हाथ में पकड़ा जा सके। यह खोज क्वांटम कंप्यूटिंग, क्रिप्टोग्राफी और सेंसर जैसी नयी तकनीकों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
फिजिक्स में 2024 का नोबेल पुरस्कार जॉन जे होपफील्ड और जेफ्री हिंटन को संयुक्त रूप से मिला था। यह पुरस्कार आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क्स के माध्यम से मशीन लर्निंग को सक्षम बनाने वाली उनकी मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए दिया गया था। रॉयल स्वीडिश एकेडमी आॅफ साइंसेज ने 8 अक्टूबर 2024 को इसकी घोषणा की थी।
होपफील्ड ने एसोसिएटिव मेमोरी सिस्टम विकसित किया, जो डेटा में पैटर्न स्टोर और रिकंस्ट्रक्ट कर सकता है, जबकि हिंटन ने बोल्ट्जमैन मशीनों को अनुकूलित कर मशीन लर्निंग की नींव रखी। यह पुरस्कार अक और न्यूरल नेटवर्क्स के विकास में उनके योगदान को मान्यता देता है।
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