कोविड-19 वायरस के नए संस्करण (स्ट्रेन) दुनिया के लिए बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं। इनकी वजह से अमेरिका में अब कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर आ गई है। पिछले कुछ समय से यहां संक्रमितों की संख्या घटने का ट्रेंड था। इससे उम्मीद जगी थी कि इस बार वसंत और गर्मियों में आम हालात बहाल हो जाएंगे। लेकिन अब एक बार फिर से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बरतने और मास्क पहनने को कहा जाने लगा है। गौरतलब है कि अमेरिका उन देशों में है, जहां पिछले दो महीनों में बहुत तेज गति से लोगों का टीकाकरण हुआ है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि अभी अमेरिका में जो तीन वैक्सीन लगाई जा रही हैं, उनसे नए स्ट्रेन से भी सुरक्षा मिलती है। लेकिन न्यूयॉर्क ब्लड सेंटर के सहायक सदस्य लैरी लुचसिंगर ने वेबसाइट एक्सियोस.कॉम से कहा कि ये लाभ तभी मिलेगा, जब जल्द से जल्द सभी लोगों का टीकाकरण हो जाए। उनके मुताबिक ये टीकाकरण पूरी दुनिया में होना चाहिए। नहीं तो ऐसे स्ट्रेन उभर आएंगे, जो मौजूदा वैक्सीन को बेअसर कर देंगे। विशेषज्ञों की राय है, अब तक कोविड-19 के जो नए स्ट्रेन सामने आए हैं, उनसे कम से कम अमेरिका में अभी कोई नई समस्या खड़ी नहीं हुई है। संक्रामक रोग प्रतिरोध और निवारण की प्रभारी एजेंसी- सीडीसी ने अभी तक किसी स्ट्रेन को अधिक खतरनाक नहीं बताया है। लेकिन नए स्ट्रेन उभरने की घटना पर सीडीसी ने चिंता जताई है। उसने कहा है कि पांच ऐसे स्ट्रेन हैं, जिनकी संक्रामक क्षमता अधिक तीव्र हो सकती है और मुमकिन है कि उनकी वजह से मृत्यु दर बढ़ जाए। ये पांच स्ट्रेन हैःं B.1.1.7 (उत्पत्ति स्थल ब्रिटेन), P.1 (जापान/ ब्राजील), B.1.351 (दक्षिण अफ्रीका), B.1.427 (कैलिफोर्निया, अमेरिका), और B.1.429 (कैलिफोर्निया)। इनके बीच B.1.1.7 को सुपर स्प्रेडर कहा जा रहा है। यानी इसकी संक्रमण करने की क्षमता अधिक है। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में हेल्थ मेट्रिक्स विज्ञान के प्रोफेसर अली मोकदाद के मुताबिक ये क्षमता 50 से 70 फीसदी तक अधिक देखी गई है। फिलहाल न्यूयॉर्क, मिशिगन, विस्कोंसिन और अन्य अमेरिकी राज्यों में इसी स्ट्रेन के कारण संक्रमण के नए हॉटस्पॉट बन गए हैँ। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित कुल लोगों में 26 फीसदी इस स्ट्रेन के कारण बीमार हुए हैं। इस स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की संख्या औसतन 7 से 10 दिन में दो गुनी हो रही है। कैलिफोर्निया में पाए गए संस्करण (B.1.427 और B.1.429) मूल कोविड-19 से 20 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। हालांकि देखा यह गया है कि जो वैक्सीन लगाए जा रहे हैं, उनसे इन दोनों स्ट्रेन का संक्रमण रोकने में मदद मिल रही है। इसके बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि अभी सावधानी में ढिलाई देने का वक्त नहीं आया। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इनोवेटिव जिनोमिक्स इंस्टीट्यूट की शोधकर्ता स्टैसिया वाइमन ने कहा है- मुझे चिंता इस बात की है कि संक्रमण के मामलों में गिरावट के साथ सब कुछ खोला जाने लगा है। मेरी राय में अभी वो समय नहीं आया, जब लोग खाने-पीने के लिए रेस्तरां या बार में जाने लगें। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाए गए नए स्ट्रेन मौजूदा वैक्सीन के प्रभावी होने की दर को कुछ कम कर देते हैं। दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट 50 फीसदी अधिक संक्रामक है। ब्राजील में उभरे स्ट्रेन की संक्रामक गति के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। इस बीच विशेषज्ञ एक नए संस्करण ई484के पर भी नजर रखे हुए हैं। यह तीन नए स्ट्रेन (B.1.351, B.1.1.28 और B.1.1.7) के अगले संस्करण के रूप में उभरा है। फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर में अनुसंधानकर्ता एलिसन ग्रीनी ने वेबसाइट एक्सियोस से कहा कि मुमकिन है कि यह संस्करण मौजूदा वैक्सीनों से काबू में ना आए। उन्होंने कहा कि इस वक्त वायरस की गतिविधियों पर नजर रखना सबसे अहम है। इस बीच जांच और सावधानी की रणनीति पर चलना ही सबसे बेहतर विकल्प है।
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