बकाया लेने के लिए हर हथकंडा अपनायेगी झारखंड सरकार

 

  • झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया वापस लाने के लिए राज्य सरकार कानूनी रास्ता भी अपनायेगी : राज्यपाल

टीम एबीएन, रांची। छठे झारखंड विधानसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए सबसे पहले झारखंड की छठी विधानसभा के पहले सत्र में मौजूद सभी सदस्यों का स्वागत किया। इसके बाद श्री गंगवार ने विधानसभा चुनाव जीतकर आये नवनिर्वाचित सरकार को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार और अन्य केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के पास झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये वापस लाने के लिए राज्य सरकार कानूनी रास्ता भी अपनायेगी। उन्होंने कहा कि हो, मुंडारी, कुडुख और अन्य जनजातीय भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की पहल करेंगे। 

सरकार आदिवासी-मूलवासी को स्थानीय नीति बनाकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में शत प्रतिशत आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। पांचवीं विधानसभा ने सर्वसम्मति से पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत, आदिवासी को 28 प्रतिशत और दलित को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक एवं सरना-आदिवासी धर्म कोड को पारित कर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा है, जो अभी गृह मंत्रालय में लंबित है, आगामी कार्यकाल में केंद्र सरकार से इन विषयों को स्वीकृत कराने का हर संभव प्रयास करेंगे।

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