टीम एबीएन, रांची। आज झारखंड की राजधानी रांची में सर्व सनातन समाज के नेतृत्व चिन्मय मिशन अखिल भारतीय संत समाज समिति, मेन रोड गुरुद्वारा, श्वेतांबर जैन समाज, बौद्ध समाज, आदिवासी समाज, बंगाली एसोसिएशन, जनजाति विकास परिषद के विद्यार्थी परिषद, विश्व हिंदू परिषद, एकल विद्यालय, वनवासी कल्याण केंद्र के कार्यकर्ताओं सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के हजारों की संख्या में लोगों ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार और उनके मानवाधिकार हनन के खिलाफ मोरहाबादी मैदान से फिरायालाल होते हुए राज्यपाल भवन तक धरना प्रदर्शन, रैली और ज्ञापन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। आक्रोश मार्च राजभवन पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गयी। आक्रोश सभा का संचालन विजय कुमार ने किया।
इस ऐतिहासिक आयोजन में करीब 10, 000 लोगों ने हिस्सा लिया। विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि, जिनमें हिंदू, सिख, जैन और सनातनी समाज के लोग शामिल थे, ने इसमें अपनी सक्रिय भागीदारी दी। आक्रोश सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता सोमा उरांव ने कहा कि आज हम सब बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं को अपना समर्थन देने के लिए एकजुट हुए हैं और आज मांग करते हैं कि जेहादियों पर कड़ी कार्रवाई हो। आज जो स्थिति बांग्लादेश में है अगर हिंदू समाज नहीं जागा, तो झारखंड में भी वह स्थिति बहुत जल्द होगी। भारत को अब एक हिंदू राष्ट्र घोषित करना होगा।
समाजसेवी राकेश लाल ने संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश भारत का ही अंग था, जिसे जिहादियों ने छीन लिया था। पाकिस्तानी सेना बांग्लादेशियों पर हमला और महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया था। तब उनकी रक्षा भारत ने ही किया था। आज उसी बंग्लादेश के मुसलमान हिंदुओ के साथ अत्याचार कर रहे हैं। उनको मार रहे हैं। ये जिहादी आज जिस इस्कॉन के लोगों ने उन्हें रोटी दी। बंग बंधु ने बांग्लादेश को आजादी दी। उन्हीं के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूनुस खान का नोबेल का शांति का अवार्ड वापस होना चाहिए। यह भीड़ एक झांकी है अभी पूरी पिक्चर बाकी है। उन्होंने सर्व समाज को आह्वान करते हुए कहा कि इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठायें।
सभा को प्रांत मंत्री विश्व हिंदू परिषद के मिथलेश्वर मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को देखकर वेदना होती है इससे हम सभी आक्रोशित हैं। हिंदू समाज बसुधैव कुटुम्बकम् में विश्वास करने वाले संप्रदाय है। हम सभी अहिंसा के पुजारी हैं लेकिन जब हमें उकसाया जाता है तो हम इसका विरोध करते हैं।
सभा में सामाजिक कार्यकर्ता बिनोद गाडयान ने कहा कि दुनियाभर के देशों ने बंग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का विरोध किया है। उन्होंने पूरी दुनियां से मांग करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ पूरी दुनियां आवाज उठाये।
सभा को संबोधित करते हुए राजेन्द्र कृष्ण ने कहा कि बांग्लादेश के अस्तित्व भारत के कारण है, लेकिन वहां हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है वह काफी अफसोसजनक है। विश्व मानवाधिकार आयोग से आह्वान करते हुए कहा कि बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को जल्द से जल्द समाप्त किया जाये।
इस्कॉन के सदस्य प्रकाश ने उपस्थित जनसमूह से हिंदुओं को जागने का आह्वान किया और बांग्लादेश में हो रहे क्रूरता के खिलाफ एकजुट होने पर बल दिया।
विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री याज्ञवल्कय ने कहा कि बांग्लादेश के उदय में लाखों भारतीयों ने अपनी शहादत दी थी आज उनके साथ अत्याचार हो रहा है। आज बंग्लादेश में एक विचार पनप गया है कि जिसकी आबादी ज्यादा होगी वह कम आबादी वाले समाज के लोगों को जिंदा रहने नही देंगे। भारत एक संवेदनशील देश है, दुनिया में जहां कहीं भी लोगों के साथ अत्याचार होता है भारत अत्याचार के खिलाफ उनके साथ खड़ा होता है।
सुनीता कुमारी गुप्ता ने कहा कि बांग्लादेश में हो रही अत्याचार की जितनी निंदा की जाये कम है,बांग्लादेश के मुसलमान हिंदुओं को कम आंक रहे हैं, जो बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। रवि शंकर ने हिंदू समाज को धन्यवाद दिया और कहा कि आज हिंदू समाज एकजुट होकर बांग्लादेश के हिंदुओं के समर्थन में खड़े हुए यह काबिले तारीफ है।
सर्व सनातन समाज का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें भूतेशानंद जी महाराज, सरदार बिक्रम सिंह, पवन लामा, बिनोद जैन, स्वामी परिपूर्णानंद महाराज, बिनोद जालान, राकेश लाल, पवन मंत्री, शेखर चोधरी, रवि मुंडा, बिनोद गाडयान, प्रशुन रायपत, सुनीता गुप्ता शामिल होकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मुख्य बिंदुओं पर राज्यपाल का ध्यानाकर्षण कराया गया :
रैली के प्रतिभागियों ने नारे लगाते हुए बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि मानवाधिकारों का उल्लंघन तुरंत रोका जाये।
इस आयोजन में हिंदू, सिख, जैन, और सनातनी समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर मानवता और न्याय के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की।
रैली के समापन पर राजभवन में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गयी।
रैली के दौरान लोगों को बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के बारे में जागरूक किया गया और उन्हें इस आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया गया।
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