एबीएन सेंट्रल डेस्क (मध्यप्रदेश गुना)। जिले के राघौगढ़ विकासखंड के वार्ड नं 13 ग्राम बहादुरगढ़ में कई वर्षो से पक्की श्मशान घाट नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को अपने दिवंगत परिजनों का अंतिम संस्कार खुले में करने को मजूबर हैं। सबसे ज्यादा परेशानी शव का अंतिम संस्कार करने में बारिश में होती है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का इस गांव की तरफ कोइ भी ध्यान नहीं है।
ग्रामीणों ने कई बार पार्षद और जिम्मेदार अधिकारियों को इस समस्या के बारे में भी बता दिया गया है, फिर भी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। आपको बता दें गुना जिले के राघोगढ़ तहसील के वार्ड नंबर 13 ग्राम बहादुरगढ में कई वर्षो से पक्की शमशान घाट नहीं होने से ग्रामीणों को अंतिम संस्कार करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बुधवार 23 अक्टूबर को वृद्धा सोनिया बाई जाटव (85) का निधन हो गया था। गांव में श्मशान घाट नहीं होने से वजह से खुले में अंतिम संस्कार किया गया। बरसात के दिनों में इस गांव के ग्रामीण तिरपाल व प्लास्टिक ढंककर शव का अंतिम संस्कार करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कई वर्षों से इस गांव में पक्की श्मशान घाट नहीं है और न ही पक्की सड़क है।
बरसात के दिनों में बहुत ज्यादा परेशानी आती है। आज एक वृद्ध महिला का निधन हो गया था, जिसका अंतिम संस्कार किया गया। रास्ते में पक्की सड़क न होने और पुल के नीचे नाली का गंदा पानी होने की वजह से निकलने में बहुत परेशानी रही। कई बार पार्षद और सीएमओ को भी इस समस्या के बारे में बता दिया है। फिर भी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। जल्द से जल्द इस गांव में नया मरघट शाला बनवायी जाये।
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