रांची। झारखंड के बजट सत्र में शुक्रवार को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने जम पर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वर्षों तक ये येन-केन-प्रकारेण सरकार में रहे। उस समय मुहावरा चलाते थे डबल इंजन की सरकार। उन्होंने कहा कि विकास की जगह इस डबल इंजन की सरकार ने राज्य को लहुलुहान कर दिया है। अब राज्य की जनता इनका पिंडदान करेगी। हेमंत ने कहा कि इस डबल इंजन की रफ्तार कितनी हो सकती है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन इन्होंने पूरी व्यवस्था को चौपट कर दिया। देश में पहली बार बड़े पैमाने पर स्कूलों को बंद कर दिया। इसे बंद करके इन्होंने कहा कि 15 हजार करोड़ रुपये का बचत होगा। बचत करके उन रुपयों को क्या किया इसकी जानकारी किसी को नहीं है। जिस समय गांव-किसान को देखना था एयरपोर्ट पर व्यापारियों को देखने में व्यस्त थे : सीएम ने कहा कि कृषि सुधार के नाम पर इन लोगों ने केवल विदेशों की सैर की है। औद्योगिक विकास के नाम पर राज्य में जमीनों की लूट हुई। पिछड़ा, आदिवासी पर केस लादे गए। जिस समय इन्हें कुएं, गांव की गलियों को देखना चाहिए था ये एयरपोर्ट पर अपने व्यापारियों को देखने में व्यस्त थे। हाथी उड़ाने में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा विभाग नहीं बचा जिसमें इन्होंने घोटालों की लंबी फेहरिस्त नहीं खड़ी की हो। दवा घोटाले में शामिल व्यक्ति स्वास्थ्य सुधार की बात करते हैं : हेमंत ने कहा कि ये राज्य के सुधार की बात करते हैं। झारखंड के पानी को भी बिहार को बेच देने वाले कैसे लोग रहे होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। दवा घोटाला में संलिप्त व्यक्ति स्वास्थ्य सुधार की बात करते हैं। डोभा में लाखों का घोटाल करने वाले कृषि सुधार की बात करते हैं। सीपी सिंह को एक सप्ताह के लिए सस्पेंड करने की मांग : हेमंत सोरेन ने कहा कि सीपी सिंह झारखंड विधानसभा के सबसे बुजुर्ग सदस्यों में से एक हैं। उनसे नये विधायक सदन में व्यवहार को सीखते हैं लेकिन उन्होंने सदन में सरकार की नीतियों को फाड़ दिया। इसके लिए उन्हें एक सप्ताह के लिए सस्पेंड करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री रहते हुए उन्होंने पूरे मोरहाबादी मैदान को बर्बाद कर दिया टाइम्स स्क्वेयर के नाम पर। 160 गाड़ियों की पार्किंग के लिए 40 करोड़ रुपए बर्बाद कर दिए अंडरग्राउंड पार्किंग के नाम पर। अब जब सरकार काम कर रही है तब पेट में दर्द हो रहा है : हेमंत सोरेन ने कहा कि हम पदाधिकारियों की कही बातों पर काम नहीं करती हम अपनी आंखों से देखी और स्थितियों को समझ कर निर्णय लेते हैं। गरीबों की परेशानी को समझने के लिए बही-खाते की जरूरत नहीं है। उट ने कहा कि अब जब सरकार काम कर रही है तो इनका पेट खराब हो रहा है।
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