टीम एबीएन, रांची। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी राष्ट्रीय विचार मंच द्वारा आयोजित 12वें राष्ट्रीय अधिवेशन एवं राष्ट्रीय अभिनंदन समारोह में परमहंस संत शिरोमणि डॉ स्वामी श्रीश्री 108 श्री सदानंद जी महाराज को प्रतिष्ठित हिंदू रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस सम्मान के साथ ही वे इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से अलंकृत होने वाले पहले प्रणामी संत बन गये।
यह क्षण न केवल प्रणामी समाज के लिए गौरवपूर्ण रहा, बल्कि अध्यात्म की उस धारा को भी नयी पहचान मिली, जिसका उद्देश्य मानवता, सेवा और समग कल्याण है। श्री सदानंद जी महाराज श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के संस्थापक हैं और वर्षों से समाज में आध्यात्मिक जागृति एवं सेवा कार्यों के माध्यम से अनगिनत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते रहे हैं। उनका जीवन त्याग, तपस्या और निस्वार्थ सेवा की अद्भुत मिसाल है।
समाज में धार्मिक सद्भाव, मानवसेवा, शिक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के लिए किये जा रहे उनके कार्य व्यापक स्तर पर सराहे जाते हैं। झारखंड श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष डूंगरमल अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, सचिव मनोज चौधरी, प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने सदानंद जी महाराज को यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलने पर अपार हर्ष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल एक संत के व्यक्तित्व का गौरव नहीं, बल्कि उन आदर्शों और विचारों का भी सम्मान है, जिन्हें महाराज जी अपने प्रवचनों, सेवा और कर्म के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाते हैं। दोनों पदाधिकारियों ने बताया कि महाराज जी के आध्यात्मिक एवं समाजोपयोगी कार्यों से आज युवा वर्ग भी प्रेरित हो रहा है।
राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि सदानंद जी महाराज ने अपने मार्गदर्शन में समाज के कमजोर वर्गों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं, दिव्यांग एवं निराश्रितों के लिए सद्गुरु अपना घर आश्रम, गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा, नशामुक्ति अभियान, वृक्षारोपण, गौ-सेवा और ग्रामीण विकास जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके नेतृत्व में सेवा धाम ट्रस्ट ने कई जनहितकारी कार्यक्रम चलाये हैं, जिनसे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
ट्रस्ट के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने बताया कि महाराज जी की वाणी में अद्भुत सरलता और आत्मिक प्रभाव है। वे कहते हैं कि धर्म वह है जो जोड़ता है, तोड़ता नहीं और सेवा वह है जो मानवता को उन्नति की राह दिखाती है। इन्हीं विचारों पर चलकर वे समाज में प्रेम, एकता, नैतिकता और सकारात्मकता का संदेश प्रसारित कर रहे हैं। हिंदू रत्न सम्मान से अलंकृत होना निश्चय ही उनके व्यक्तित्व, तपस्या और समाजसेवा के प्रति समर्पण का राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति-पत्र है। यह सम्मान उनके अनुयायियों और प्रणामी समाज के लिए गर्व का विषय है।
ट्रस्ट के अध्यक्ष डूंगरमल अग्रवाल एवं सचिव मनोज चौधरी ने कहा कि सदानंद जी महाराज का जीवन युवाओं के लिए आदर्श है और आगामी समय में उनके मार्गदर्शन में समाज और भी ऊंचाइयों की ओर अग्रसर होगा। इस सम्मान के साथ ही अध्यात्म और सेवा की वह परंपरा और प्रभावशाली हो गयी है, जिसे सदानंद जी महाराज वर्षों से जनकल्याण के पथ पर आगे बढ़ा रहे हैं।
हर्ष व्यक्त करने वाले में विजय कुमार अग्रवाल, निर्मल छावनिका, निर्मल जालान, राजेंद्र अग्रवाल, मनोज चौधरी, सज्जन पाड़िया, पूरणमल सर्राफ, संजय सर्राफ, शिव भगवान अग्रवाल, मधुसूदन जाजोदिया, सुरेश अग्रवाल, विशाल जालान, विष्णु सोनी, सुनील पोद्दार, सुरेश भगत, मनीष सोनी, अरविंद पांडे, विद्या देवी अग्रवाल, उर्मिला पाड़िया, शोभा जालान, सुनीता अग्रवाल, विमला जालान, कविता गाड़ोदिया, अनुराधा सर्राफ आदि शामिल है। उक्त जानकारी श्री कृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट के प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय सर्राफ ने दी।
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