टीम एबीएन, रांची। बड़ागाँई देवोत्थान धाम परिसर में आयोजित देवोत्थान जतरा मेला हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर सैकड़ो श्रद्धालुओं ने सुबह से ही पंक्तिबद्ध होकर भगवान शिव का पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीष प्राप्त किये।
देवोत्थान जतरा मेला का शुभारम्भ बड़ागाँई के ग्राम पुजारी रवि पहान, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, विश्व हिंदू परिषद झारखण्ड-बिहार के क्षेत्र मंत्री व मेला के संरक्षक डॉ बिरेन्द्र साहू, मुख्य संरक्षक डॉ रुद्र नारायण महतो, संरक्षक बनु पहान व बालसाय महतो, अध्यक्ष नेपाल महतो, सचिव प्रेम लोहार, कोषाध्यक्ष अजय महतो सहित कई आगंतुक अतिथियों के द्वारा विधि- विधान से भगवान शिव का पूजन-अर्चन कर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व सांसद राम टहल चौधरी ने कहा बड़ागांई -बूटी देवोत्थान धाम पर जहां एक और अपने ऐतिहासिक विरासत को दर्शाती है वहीं दूसरी ओर इस स्थल पर श्रद्धालुओं का अटूट श्रद्धा बसती है।
उन्होंने कहा जतरा मेला वर्ष में एक बार परिवार मिलन का पुरातन परंपरागत व्यवस्था है। झारखंड की संस्कृति संपूर्ण देश में नहीं अपितु विश्व को पर्यावरण संरक्षण के सार्थक पहल के लिए जाना जाता है। झारखंडी संस्कृति को बचाए रखने के लिए युवाओं का विशेष भागीदारी होना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद झारखण्ड-बिहार के क्षेत्र मंत्री व मेला के संरक्षक डॉ बिरेन्द्र साहू ने कहा जतरा मेला हमारी प्राचीन परम्परा व संस्कृतिक धरोहर है।
पारंपरिक नृत्य-गान व वेशभूषा से झारखंड की संस्कृति झलकती है। उन्होंने कहा यह जतरा देवोत्थान/ प्रबोधिनी एकादशी को भगवान विष्णुजी के जगने को लेकर 1931 में जूठन कविराज के नेतृत्व में निर्मित बूढ़ा महादेव / देवोत्थान धाम परिसर में मनाने का परंपरागत धरोहर है। इस पावन स्थल पर लोग शिवरात्रि पूजन, शादी- विवाह, मुंडन संस्कार के साथ साथ प्रत्येक माह अनेक कार्यक्रम करते रहते हैं, जो इस स्थल की महत्ता को बढ़ाती है।
जतरा मेला में बड़ागांई पहान टोली, बड़ागांई मुंडा टोली, बेड़ो, बाँधगाडी, खिजूरटोला, बूटी, किशुनपुर, महुरम टोली, लेम, लापुंग, आरा बाड़ाम आदि गांवों के खोड़हा ( नृतक दल) अपने-अपने पारंपरिक वेशभूषा एवं वाद्य यंत्रों के साथ भगवान शिव का आराधना करते हुए अलग-अलग स्थान पर नृत्यगान प्रस्तुत कर मेले में आए सैकड़ो गांवों के लगभग 50 हजार से अधिक लोगों का मनोरंजन किये।
लोगों ने पारंपरिक नचनी नृत्य का भी आनंद लिया। युवा- युवतियों ने आधुनिक आर्केस्ट्रा एवं नागपुरी गीत कलाकारों के द्वारा गाए हुए गीतों पर भी घंटों झूमते रहे। बच्चों ने झूला का भरपूर आनंद लिया वही पारंपरिक मिठाई, खिलौना, गुपचुप, आइसक्रीम, ईख, सौंदर्य प्रसाधनों इत्यादि की जमकर खरीदारी हुई।
मेला में मुख्य संरक्षक डॉ रुद्रनारायण महतो व बनु पहान, संरक्षक डॉ बिरेन्द्र साहु, अध्यक्ष नेपाल महतो, सचिव प्रेम लोहार, कोषाध्यक्ष अजय कुमार महतो, बालसाय महतो, विनोद महतो, रवि पाहन, बबलू पहान, संदीप मुंडा, रणधीर चौधरी, अंतू तिर्की, रणधीर रजक, संजय महतो, रमेश तिर्की, दशरथ महतो, अशोक खलखो, सदर थाना प्रभारी कुलदीप कुमार, डॉ हेमलाल महतो, सुनील टोप्पो, अवधेश बैठा सुरेंद्र मुंडा, अमित पहान, महावीर मुंडा, दिलीप पहान आदि की मुख्य भूमिका रही। उक्त जानकारी देवदेवोत्थान जतरा मेला समिति, बड़ागांई-बूटी के सचिव प्रेम लोहार (9835425981) ने दी।
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