टीम एबीएन, रांची। सीजीएल परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ आज झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के विरुद्ध रांची में घेराव करने आये छात्र अभ्यर्थियों पर पुलिस के लाठी चार्ज का आजसू निंदा करती है। आजसू की शुरू से यह मांग रही है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा सीजीएल परीक्षा सहित अब तक आयोजित हुए सभी परीक्षाओं का रिजल्ट का प्रकाशन फ्री एंड फेयर होनी चाहिए।
लेकिन जिस हड़बड़ी में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग रिजल्ट का प्रकाशन कर रहा है, उससे कहीं न कहीं जाहिर होता है कि बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। सीजीएल परीक्षा को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है और अभी कुछ दिनों के अंदर में फिर से शुरुआत होनी है। इस बीच हमारे मांडू विधायक ने विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा में धरना देकर सदन में आवाज उठाकर अभ्यर्थियों के समर्थन में परीक्षा की जांच और फ्री एंड फेयर परिणाम की मांग की थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने सीआईडी से जांच करने का निर्देश जारी किया है।
अभी किसी भी प्रकार की जांच रिपोर्ट आयी नहीं, हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई नहीं। इस बीच हड़बड़ी में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने सीजीएल परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इससे जाहिर होता है कि कर्मचारी चयन के अधिकारी पदाधिकारी सत्ता और सरकार में बैठे लोगों ने बड़े पैमाने पर धांधली की है। जिसकी जांच सीआईडी से तो छोड़ दीजिये, सीबीआई से होनी चाहिए।
दूसरी ओर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के सचिव यह भी बता रहे हैं कि हमने 86% आरक्षित वर्गों का रिजल्ट दिया है और 96% उसमें झारखंडी अभ्यर्थी हैं, तो यह भी कहीं न कहीं जांच का विषय है; क्योंकि देश में और प्रदेश में जो आरक्षण की पॉलिसी है : आरक्षित वर्ग 50% और ईडब्ल्यूएस 10% कल 60% है तो आप 83 परसेंट किसी दे दे। एक सवाल है दूसरा अपने झारखंडी अभ्यर्थी पास होने का जो दावा किया है तो झारखंडी कौन?
यह तो अब तक सरकार ने तय नहीं किया है। कोई मापदंड इसका निर्धारण नहीं किया है तो क्या क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा लेने वाले अभ्यर्थी को ही अपने झारखंडी मान लिया तो इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीरियल में धांधली को लेकर एक संगठन जो अपने आप को छात्र कहता है वह आंदोलन में कुच कर जाता है और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है तो ऐसे नेताओं से भी छात्रों को सावधान रहना चाहिए जो सिर्फ चेहरा चमकाने के लिए नेतागिरी चमकाने के लिए लाठी डंडा से छात्रों को पिटवाने का काम कर रहे हैं।
उनके ऊपर मुकदमा करवाने का काम कर रहे हैं। आजसू छात्रों के न्याय के सवाल पर उसके अधिकार के सवाल पर सड़क पर भी संघर्ष कर रहा सदन में भी संघर्ष कर रहा है और आने वाले समय में जरूरत पड़ा तो उच्च न्यायालय कभी दरवाजा खटखटायेगा। उक्त जानकारी अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने दी।
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