कोडरमा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रामाशंकर सिंह की अदालत ने गुरुवार को हत्या (आनर किलिंग) और साक्ष्य छुपाने के एक मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए मृतका के पिता और चंदवारा निवासी किशुन साव, माता दुलारी देवी, चाचा सियाराम साव और चाची पार्वती देवी को दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है। मामला चंदवारा थाना कांड संख्या 22/18 दिनांक 25 मार्च 2018 का है। पूरे मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक दिनेश चंद्रा ने बताया कि मामला प्रेम प्रसंग का है, उन्होंने बताया कि चंदवारा मृतका युवती 20 वर्षीय सोनी कुमारी दूसरे जाति के लड़के के साथ प्रेम करती थी, यह बात परिजनों को नागवार लगा और एक षड्यंत्र के तहत चारों ने मिलकर युवती की गला दबा कर हत्या कर दिया और साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शव को जलाने का प्रयास किया। हालांकि उसके पहले ही पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। तत्कालीन थाना प्रभारी सोनी प्रताप उक्त कांड के सूचक बने और कांड संख्या 22/18 दर्ज किया और अनुसंधान प्रारंभ करते हुए चारो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और चारों के विरुद्घ धारा 302, 201, 120बी, 34 के तहत न्यायालय में आरोपपत्र समर्पित किया। जिसके पश्चात स्त्र विचारण हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत में स्थानांतरित किया गया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से 16 गवाहों का प्रतिपरीक्षण कराया गया। गवाहों के परीक्षण के बाद दोनों पक्षों का बहस सुनने के बाद बीते 15 मार्च को माननीय न्यायालय ने उपरोक्त अभियुक्तों को दोषी पाया और सजा के बिंदु पर 25 मार्च को सुनवाई निर्धारित की। उक्त मामले में अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक दिनेश चंद्रा जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता वासिफ बख्तावर खान थे।
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