बरही। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ग्राम वन प्रबंधन, संरक्षण समिति के सदस्यों, ग्रामीणों एवं वन कर्मचारियों के बीच गिद्ध संरक्षण व गर्मी में जंगल में आग जाने को लेकर जवाहर घाट स्थित वन विश्रामागार में प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता व संचालन वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी गोरख राम ने किया। कार्यशाला में मुख्य रूप से हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी आरएन मिश्रा, पर्यावरणविद्द सत्यप्रकाश एवं इंद्रजीत सामंता शामिल हुए। कार्यशाला को संबोधित करते हुए हजारीबाग पश्चिमी वन प्रमंडल पदाधिकारी आरएन मिश्रा ने बताया कि मानव हितैशी पक्षी गिद्ध की बड़ी तेजी से इसकी प्रजाति विलुप्त हो रही हैं। उन्होंने गिद्ध के न रहने पर आने वाले खतरे को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी दी। साथ ही बताया कि गिद्ध एक मानव हितैशी पक्षी है, जो स्वभाव से शव भक्षण कर प्रकृति की सफाई करने के लिए जाना जाता है। साथ ही बताया कि एक लाख 37 हजार हेक्टयर वन भूमि को सुरक्षित, विकसित करने का प्रयास वनविभाग के द्वारा जारी हैं। वहीं जीपीएस के आधार पर वह पता लगा लेते है कि आग कहां लगी हैं, उसे बुझाने को लेकर क्षेत्रीय अधिकारी को भेजा जाता है, तांकि उसका बचाव किया जा सकें। अध्यक्षता कर रहे वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी गोरख राम ने कहा कि गिद्ध को आहार श्रृंखला के सर्वोच्च स्थान पर रखा गया है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि गिद्ध एक सामाजिक पक्षी है। वह झुंड में रहना पसंद करता है और अपने साथी पक्षी के प्रति बेहद ईमानदार होता है। मौके पर महेश कुमार दास, आनन्द सिंह सहित दर्जनों लोग शामिल थे।
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