टीम एबीएन, रांची। वाईएमसीए के तत्वावधान में कांटाटोली स्थित वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, वाई.एम.सी.ए. कांटाटोली के प्रांगन में एक दिवसीय सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन शनिवार सुबह 12 बजे अपराहन से किया गया जिसका मूल विषय आपसी सौहार्द क्यों और कैसे था। सम्मेलन में इसाई समुदाय से रेवरेन अनूप इंदवार, मुस्लिम समुदाय से मुफ्ती जमील अहमद मिस्बाही साहेब ( नायाब जफी, अदारा शरीया, रांची ) तथा ब्राह्मण समाज से श्रीमान मनोज कुमार पांडे (कन्वेनर, ब्राह्मण समाज एंड सोशल एक्टिविस्ट, रांची) मुख्य वक्ता के रूप में आये थे।
पहले सत्र में वाई.एम.सी.ए के प्रोग्राम कोआॅर्डिनेटर मोहम्मद मिनहाज ने चारों गणमान्य वक्ताओं संग सभी प्रतिभागियों का हार्दिक अभिवादन किया। वक्ताओं का विशेष स्वागत गुलदस्ता देकर किया गया। कार्यक्रम की पहली पाली में वाई.एम.सी.ए. के महासचिव श्री चोन्हास कुजूर ने वाई.एम.सी.ए. के कार्यों, उद्देश्यों तथा गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारियां दी।
उन्होंने बताया कि वाईएमसीए पिछले 50 वर्षों से रांची शहर के 16 तंग बस्ती, झुग्गी झोपड़ी के लिए सामुदायिक विकास कार्यों को करते आ रही है; विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य, नशा उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार प्रशिक्षण के द्वारा संबंधित लोगों को जागरूक करने का काम किया है। उसके पश्चात् वाई.एम.सी.ए. के वर्तमान अध्यक्ष विनय जॉन ने वाई.एम.सी.ए. को सभी समुदाय के लिए एक ऐसा मंच बताया जो सभी समुदाय और धर्मों को एक समान सम्मान, एकजुटता और आदर देने की पहल करता है।
इसके बाद मुख्य वक्ताओं में से सबसे पहले ब्राह्मण समाज से श्रीमान मनोज कुमार पांडे जी ने अपनी बातों को रखते हुए हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में हम सब भाई भाई नारा दिया। उन्होंने अपने शब्दों में वाई.एम.सी.ए. रांची को आशीर्वाद देते हुए उसकी उन्नति की कामना की। उन्होंने जीवन की वास्तविक व्यवहार के द्वारा आपसी सौहार्द को बनाए रखने के उदाहरण प्रस्तुत किये। उन्होंने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि हमें किसी भी धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए।
हम किसी भी धर्म के हो लेकिन शिक्षा लेने से पहले हम गुरुओं के धर्म को नहीं देखते और यह एक तरह का कुशल व्यवहार है जिससे हम आपसी सौहार्द को बढ़ाने का काम करते है। एक ही स्कूल में भिन्न भिन्न धर्म के लोग पढ़ते हैं, एक ही अस्पताल में भिन्न भिन्न धर्म के बच्चे पैदा होते है, जो यह दशार्ता है कि ईश्वर हमें आपसी सौहार्द के साथ जीवन जीने के उद्देश्य और प्रेरणा के साथ इस धरती में भेजा है।
उन्होंने यह भी कहा कि आपसी सौहार्द और प्रेम को बनाए रखने के लिए हर माता पिता को अपने बच्चे को दूसरे धर्म का सम्मान करना सिखाना चाहिए और तभी केवल समाज आपसी सौहार्द और भाईचारे की प्रीति में बना रहेगा। इसके बाद इसाई समुदाय से आये वक्ता रेवरन अनूप इंदवार ने कहा कि हम सब भारतीय है और भिन्न भिन्न धर्म के लोग इस देश की खूबसूरती है।
हम सभी अलग अलग धर्म और समुदाय को मानते हुए भी दूसरे धर्म को सम्मान देते है। उन्होंने यह भी कहा कि एक ही गांव और एक ही शहर में भिन्न भिन्न धर्म के लोग एक साथ रहते है। लेकिन कुछ असामाजिक तत्व और कुरूप मानसिकता वाले थोड़े लोग है जो आपसी धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते है। लेकिन उसके विपरीत एक बड़ा समुदाय है जो यह यह चाहता है कि सभी धर्म के लोग इस भारत देश में प्रेम, भाईचारा और सौहार्द के साथ रहे।
और यही बात इस देश की खूबसूरती है। उन्होंने बाइबल में से उत्पत्ति की किताब 1 अध्याय और उसके 27 पद का उल्लेख करते हुए कहा कि ईश्वर ने हम सब मनुष्य को अपनी खुद की समानता में बनाया है, ताकि हम सब मनुष्य एक दूसरे में ईश्वर के रूप को देखने का प्रयास करते हुए जीवन जीए। ऐसा करने से हम सब मनुष्य दूसरे धर्म के साथ सौहार्द से रहना सीख सकते है। उन्होंने मदर टेरेसा का उदाहरण देकर कहा कि मदर टेरेसा ने सभी धर्मों के बीच अपनी सेवा प्रदान की।
साथ ही उन्होने अपनी बातों में यह भी कहा कि एक पेड़ जब बड़ा होता है और फलदार और छायादार हो जाता है तब उसकी छाया देने लिए के या उसके फल को देने से पहले वो पेड़ किसी से धर्म और और जात नहीं पूछता है। और जब ईश्वर की बनाई सृष्टि ही हमें परस्पर सौहार्द और प्रेम भाईचारा के साथ रहने की प्रेरणा देता है तो फिर हम कौन है जो धर्म की आड़ में आपसी सौहार्द को बिगाड़ना चाहते है।
निश्चय धर्म केवल और केवल मनुष्य की भलाई ही सिखाता है। बाईबल की शुरूवात में ही लिखा है कि परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप और समानता में बनाया और जब परमेश्वर ने सभी मनुष्य को एक समानता में बनाया है तो फिर हम आपसी भेदभाव क्यों करे? इसके बाद मुस्लिम समाज से मुफ्ती जमील अहमद जी ने अपनी बातों की शुरूवात करते हुए कहा कि धर्म सब चीजों से ऊपर होता है लेकिन धर्म यह सिखाता है कि हम हर एक इंसान को इज्जत दे।
उन्होंने कहा कि घर से ही समाज बनता है और अगर घर से मिलने वाली शिक्षा में कमी होगी तो समाज बनने में उस घर के लोगों का योगदान भी अयोग्य होगा। हम सभी धर्म के लोगों को अपने अपने धर्म की इबादत करते हुए दूसरे धर्म के साथ आपसी सौहार्द बनाए रखना है। अगर हम अपने खुद के धर्म के प्रति ईमानदार और विश्वासयोग्य नहीं है तो फिर हम दूसरे धर्म के लोगों के साथ सौहार्द कैसे बना सकेंगे। उन्होंने फेथ आफ रिलीजन, लिविंग विथ सोसाइटी इन यूनिटी की बात को बड़े गहराई के साथ बताया।
उन्होंने यह भी बताया कि आपसी सौहार्द के बिना न कोई घर, न कोई कसबा और न ही कोई देश टिका रह सकता है। इसके बाद सर्वधर्म समभाव के अध्यक्ष मोहम्मद इस्लाम जी को भी मंच में बोलने मौका दिया गया और उन्होंने भी बड़े खूबसूरती के साथ अपने वक्तव्य को शुरू करते हुए कहा कि इस मुल्क में ऐसी फिजा बने कि मंदिर गिरे तो दर्द मुसलमान को भी हो। इन्हों अपनी बातों में सभी धर्म के लिए सम्मान और मोहब्बत की बात कही जिससे धार्मिक सौहार्द आपस में और मजबूत हो।
उन्होंने यह भी कहा जैसे हवा सभी समुदाय के बीच में बहा करती है और सभी को सांस देती है, सूरज की रौशनी सभी धर्म के लोगों पर अपनी रौशनी बिखेरता है, नदी का जल सभी धर्म और समुदाय के लोगों के बीच से बहता है और ये सभी ईश्वर की बनाई हुई रचना है जो अपने अपने तौर तरीकों से लोगों के बीच में एकता बनाये रखने का पैगाम देता है। ये हवा, नदी का जल, सूरज की रौशनी किसी से उसका मजहब नहीं पूछता है बस अपना काम बिना पक्षपात किए जाता है।
साथ ही साथ अकीलूर रहमान (सेंट्रल मोहर्रम कमेटी के अध्यक्ष) जी ने भी इस संदर्भ में अपनी बात को रखा और कहा कि सभी धर्म का अपना विशेष महत्व है लेकिन अगर धार्मिक और सामाजिक सौहार्द को बढ़ाना है तो हमें धर्म से भी ऊपर उठकर कार्य और व्यवहार करना आना चाहिए। हमें परस्पर मिलकर सभी धर्मों और समाज के निचले स्तर के लोगों के उत्थान के लिए कार्य करना चाहिए। हमें समाज के पिछड़े वर्गों के बीच काम करना चाहिए ताकि सभी समुदाय के पिछड़े हुए लोग भी समाज में अपना स्थान प्राप्त कर सके और जब हम किसी एक इंसान के उत्थान और हित के लिए कुछ बेहतर करने के प्रयास करते है तो हम आपसी सौहार्द, प्रेम को बढ़ाने की दिशा में कार्य करते है।
अंत में वाई.एम.सी.ए, रांची के सचिव श्री आशीष टोपनो जी ने सभा में आए सभी वक्ता संग अथितियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किए। सम्मेलन में 210 लोग शामिल थे। इस सम्मेलन को सफल बनाने में वाईएमसीए के महासचिव चोनहास कुजूर, एसोसिएट जेनरल सेक्रेटरी मनोज बागे, सचिव आशीष टोपनो, प्रोग्राम कोआर्डिनेटर मोहम्मद मिनहाज, प्रोजेक्ट मैनेजर शीतल केरकेट्टा, जर्मन वालंटियर सलोमे उम्लाफ, समाज सेवक मुमताज कुरेशी, सहायक प्रोजेक्ट को-आर्डिनेटर मिसेज सुमन भेंगरा गुड़िया, अदारा सरिया के महासचिव एवं वरीय समाज सेवक जनाब अकिलुराहमान साहब तथा सभी स्टाफ की सम्पूर्ण भागीदार रही।
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