एक वर्षीय है गायत्री परिवार का ज्योति कलश रथ दर्शन व कार्यक्रम यात्रा

 

भारतीय देव संस्कृति एक अनमोल धरोहर है, महत्व समझें और लाभ उठायें : त्रिलोचन साहू 

एबीएन सोशल डेस्क। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुञ्ज हरिद्वार मार्गदर्शन में संचालित दिव्य ज्योति कलश रथ-दर्शन यात्रा आयोजन रांची शहर में संपन्न हुआ। इस दौरान शांतिकुञ्ज प्रतिनिधि त्रिलोचन साहूजी ने बताया कि ऋषियों की महान परंपरा, ईश्वर और धर्म के प्रति आस्था एक महान विभूति है। यह आस्था व्यक्ति को सद्गुणी, संस्कारवान बनाती है, व्यक्ति की अंतर्निहित उन विशेषताओं को उभारती है, जिनके कारण मनुष्य को सृष्टि का मुकुटमणि, ईश्वर का राजकुमार बनने का अवसर मिला है।

मानवीय आस्था ही भारतीय देव संस्कृति की जननी है एक अनमोल धरोहर है। मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण करने वाली दिव्य संपदा है। संबोधन में गायत्री परिवार शांतिकुञ्ज हरिद्वार के प्रतिनिधि नायक त्रिलोचन साहू ने दिव्य ज्योति कलश रथ-दर्शन यात्रा दौरान रथ यात्रा के उद्देश्य, योजना, अभियान पर कार्यक्रम में उपस्थित गायत्री परिवार कार्यकर्ताओं, नये सदस्यगणों और दर्शकों को बताया। 

रांची शहर में 4 से 18 दिसंबर तक संचालित अनेक क्षेत्रों के बाद आज हटिया व डोरंडा में कई कार्यक्रम आयोजन के साथ शहरी कार्यक्रम प्रथम चरण में संपन्न हुए। इसके साथ ही अखंड दीपक की ज्योति प्रज्ज्वलन दिवस और गुरुमाता भगवती देवी के जन्म अवतरण दिवस का एक साथ होने के महत्व, महिमा, प्रभाव, जीवन वृतांत और भविष्य के क्रिया-कलाप  पर प्रकाश डालकर बताया। 

गुरुदेव वेदमूर्ति-तपोनिष्ठ पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवन-क्रम, पिछले तीन जन्मों के विवरण के साथ चौथा इस जीवन के क्रिया-कलाप, जपतपव्रत अनुष्ठान, पुरश्चक्रण अनुष्ठान, ऋषि परंपरा का निर्वाह, कीलित गायत्री महामंत्र का अभिशाप उत्कीलन, गायत्री मंत्र दीक्षा, सबके लिए सर्वसुलभ करना, भारतीय संस्कृति के निमार्ता, यज्ञ पिता गायत्री माता, नव युग सृजन योजना, विचार क्रांति अभियान, 21 वी सदी उज्जवल भविष्य एवं नारी सदी, हमारी वसीयत और विरासत, महाशक्ति की लोक यात्रा, आप हमारा काम करो, हम तुम्हारा काम करेंगे। अध्यात्म एक नगद धर्म है आदि अनेक गुह्य विवरण पर प्रकाश डालकर दीपयज्ञ विधान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुए।  

ज्योति कलश रथ-दर्शन भ्रमण यात्रा कार्यक्रम दौरान सैकड़ों श्रद्धालु व नये भक्तों ने इसका उद्देश्य महिमा उपयोगिता लाभ समझकर अपने परिवार के लिए देव स्थापना कराये। प्रांतीय जोन समन्वयक ने बताया कि यह  कलश रथ-दर्शन यात्रा कार्यक्रम रांची जिला के प्रखंडों के साथ साथ पूरे झारखंड में भ्रमण कर जन-जन को एक वर्ष तक शांतिकुञ्ज का कार्यक्रम व संदेश पहुंचाया जायेगा। यह रथ-दर्शन भ्रमण यात्रा झारखंड सहित पूरे भारत में एक वर्ष तक संचालित होगा। उक्त जानकारी गायत्री परिवार के वरिष्ठ साधक सह प्रदेश प्रचार-प्रसार प्रमुख जय नारायण प्रसाद ने दी।

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