एबीएन सोशल डेस्क। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुञ्ज मुख्यालय में आज अनेक गुह्य विषयों पर प्रकाश डालकर बताया गया। यहां इस क्षेत्र में हरिद्वार, यहां की स्थापित सप्त सरोवर क्षेत्र, सप्तऋषि आश्रम, गायत्री परिवार, शांतिकुञ्ज युगतीर्थ की स्थापना, देव संस्कृति विश्वविद्यालय स्थापन, साधनात्मक अनुष्ठान, युग निर्माण अभियान, सत्संकल्प पाठ, दैनिक हवन-यज्ञ विधान, तीर्थ की परिभाषा, उसकी परंपरा एवं उसका उच्चस्थ महत्व, ऋषियों का, पूर्वजों का योगदान, जप तप व्रत, भजन-कीर्तन, सद्ज्ञान, सत्कर्म, गायत्री युगतीर्थ की महत्ता, संस्कार परंपरा, अनुकरणीय प्रकरण, ज्योति अवतरण साधना, हरिदार कुंभ, गंगा अवतरण एवं स्नान पर चर्चा हुई।
फिर पांच जोन समन्वयकों की जोन-वार समूह चर्चा, प्रश्नोत्तरी एवं समयदानियों का संकल्प पत्र संकलन, ज्योति कलश रथ दर्शन भ्रमण यात्रा की आवश्यकता व महत्ता, उसकी उपयोगिता, अखंड दीप ज्योति का शुभारंभ स्थापन, मासिक पत्रिका संपादन आदि अनेक विषयों के संबंध में प्रकाश डालकर चर्चा हुई।
इसके बाद बिहार, झारखंड, सिलीगुड़ी जोन पर घनश्याम देवांगन, रत्न केजी, तपन केजी, त्रिलोचन साहू, संतोष पांडे, संतोष महतो तथा संगीत वादन, प्रज्ञागीत गायन, उद्बोधन एवं वंदनीया माताजी की जन्म शताब्दी वर्ष सह अखंड दीप शताब्दी विषय पर वक्ता प्रो विश्वप्रकाश त्रिपाठी, संचालन ओइन्द्र सिंह संगीत एवं उद्बोधन विषय- ज्योति कलश यात्रा में बहनों की भूमिका, नारी जागरण सह सशक्तिकरण पर वक्ता शैफाली दीदी थी और संचालन में श्यामा दीदी आदि का सहयोग रहा।
साथ ही वीडियो संदेश में वंदनीया माताजी स्वरूप में महाशक्ति की लोक यात्रा एवं अखंड ज्योति यात्रा पर प्रकाश डाला गया। अंत में 21वीं सदी का अभूतपूर्व अवसर, न भूतो न भविष्यति पर वक्ता डॉ चिन्मय पांड्या का प्रमुख प्रवचन हुआ। उक्त जानकारी गायत्री परिवार वरिष्ठ साधक सह प्रचार-प्रसार प्रमुख जय नारायण प्रसाद ने दी।
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