एबीएन सोशल डेस्क। छठ पर्व का आज तीसरा दिन है, जिसे संध्या अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। आज श्रद्धालु अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। यह पर्व सूर्य उपासना, प्रकृति और मातृत्व की शक्ति को समर्पित है। मान्यता है कि छठी मैया देवी कात्यायनी का अवतार हैं और सूर्यदेव की बहन मानी जाती हैं। इसलिए यह व्रत सूर्य-षष्ठी के नाम से भी प्रसिद्ध है।
छठ पूजा के तीसरे दिन भक्तजन डूबते हुए सूर्य को जल अर्पित करते हैं। यह एकमात्र पर्व है जिसमें Setting Sun को अर्घ्य दिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शाम के समय सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्युषा के साथ होते हैं, इसलिए इस समय अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना जाता है।
भक्त सूर्यदेव को धन्यवाद देते हैं दिनभर की ऊर्जा, रोशनी और जीवन प्रदान करने के लिए। इस दौरान माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, परिवार की समृद्धि और सुख-शांति की कामना करती हैं।
संध्या अर्घ्य से पहले करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि सूर्य कवच का पाठ करने से हेल्थ, कैरियर, वेल्थ और विल पॉवर में सुधार होता है। यह आंख, त्वचा, हृदय और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से भी रक्षा करता है। छठ पूजा के दौरान हर दिन इसका पाठ शुभ फल देता है।
तीन शुभ योगों में दिया जाएगा संध्या अर्घ्य
इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य बेहद खास है क्योंकि यह रवि योग, हंसा राजयोग और रुचक राजयोग जैसे तीन शुभ योगों में संपन्न होगा।
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