एबीएन न्यूज नेटवर्क चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में स्थानीय ब्लड बैंक द्वारा थैलेसीमिया से पीड़ित सात वर्षीय बच्चे को एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाए जाने के आरोपों की जांच के लिए रांची से पांच सदस्यीय टीम शनिवार को वहां पहुंची। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जिला सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माझी ने बताया कि पीड़ित बच्चे की एक हफ्ते पहले एचआईवी जांच की गई थी, जिसमें उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गठित जांच दल ने अपनी जांच के तहत चाईबासा के सदर अस्पताल और ब्लड बैंक का दौरा किया।
हालांकि, माझी ने विस्तृत जानकारी नहीं दी, क्योंकि जांच अभी भी जारी है। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि जांच दल का नेतृत्व कौन कर रहा था। यह मामला शुक्रवार को तब सामने आया, जब बच्चे के परिवार ने ब्लड बैंक पर उसे संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि बच्चे को जब से ब्लड बैंक ले जाया जा रहा है, तब से उसे लगभग 25 यूनिट खून चढ़ाया जा चुका है। आरोप के बाद, मामले की जांच के लिए जिला प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (डीआरसीएच) अधिकारी डॉ. मीनू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्थानीय समिति का गठन किया गया। माझी ने कहा कि समिति के विस्तृत जांच के बाद जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करने की संभावना है।
सिविल सर्जन ने कहा कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उन रक्तदाताओं की जांच की जाएगी, जिनके नमूनों का इस्तेमाल बच्चे को खून चढ़ाने के लिए किया गया था। माझी ने बताया, मंझरी थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला यह बच्चा एचआईवी से संक्रमित पाया गया है।
हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाजी होगा कि संक्रमण ब्लड बैंक द्वारा चढ़ाए गए खून के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमण अन्य कारणों से भी हो सकता है, जिसमें इस्तेमाल की गई सुइयों से इंजेक्शन लगाना या खून चढ़ाना भी शामिल है।
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