झारखंड : अब बदल जायेगा बिजली दर निर्धारण कानून

 

अब झारखंड में बिजली दर निर्धारण के नियमों में होगा बदलाव, ड्राफ्ट तैयार 

टीम एबीएन, रांची। अब झारखंड में बिजली दर निर्धारण के नियमों में बदलाव होगा। इसके लिए झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ड्राफ्ट के मुताबिक नये नियम 1 अप्रैल, 2026 से 31 मार्च, 2031 तक की अवधि के लिए लागू होंगे।

नये नियम का उद्देश्य झारखंड राज्य में वितरण लाइसेंसधारियों द्वारा प्रतिस्पर्धा, दक्षता, संसाधनों के किफायती उपयोग, अच्छे प्रदर्शन और इष्टतम निवेश को प्रोत्साहित करना है। 

क्या है नये नियम में  

  1. प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा : विनियमों का उद्देश्य वितरण लाइसेंसधारियों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। 
  2. दक्षता और संसाधनों का किफायती उपयोग : विनियमों का उद्देश्य वितरण लाइसेंसधारियों को दक्षता और संसाधनों का किफायती उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है। 

नये नियम की खास बातें 

  1. व्हीलिंग टैरिफ : व्हीलिंग व्यवसाय के लिए निर्धारित एआरआर का उपयोग बिजली की व्हीलिंग के लिए व्हीलिंग टैरिफ निर्धारित करने के लिए किया जायेगा। 
  2. खुदरा आपूर्ति टैरिफ : खुदरा आपूर्ति व्यवसाय के लिए निर्धारित एआरआर का उपयोग बिजली की खुदरा बिक्री के लिए खुदरा आपूर्ति टैरिफ निर्धारित करने के लिए किया जायेगा। 
  3. ओपन एक्सेस उपभोक्ता : ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए व्हीलिंग टैरिफ, क्रॉस-सब्सिडी अधिभार और अतिरिक्त अधिभार निर्धारित किया जायेगा।

ये भी मापदंड किये गये हैं तय 

लेखा विवरण का अर्थ प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए तैयार किये गये वित्तीय विवरणों से होगा। अन्य व्यवसाय से आय का अर्थ वितरण लाइसेंसधारी को टैरिफ के अलावा विनियमित व्यवसाय से संबंधित परिसंपत्तियों या जनशक्ति के उपयोग के लिए प्राप्त आय से होगा। नॉन-टैरिफ इनकम का मतलब विनियमित व्यवसाय से संबंधित शुद्ध आय से होगा, जिसमें अन्य व्यवसाय से कोई आय शामिल नहीं है।

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