एबीएन नॉलेज डेस्क। इसरो ने मंगलवार को कहा कि उसने 6 दिसंबर को भारतीय नौसेना के साथ गगनयान का वेल डेक रिकवरी ट्रायल किया। इसरो ने एक बयान में कहा कि विशाखापत्तनम के तट पर एक वेल डेक जहाज का उपयोग करके पूर्वी नौसेना कमान में परीक्षण किये गये।
इस दौरान भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि जहाज में वेल डेक को पानी से भरा जा सकता है ताकि नावों, लैंडिंग क्राफ्ट, बरामद अंतरिक्ष यान को जहाज के अंदर ले जाया जा सके। भारत का लक्ष्य 2025 तक 400 किमी. ऊपर अंतरिक्ष यात्री भेजने का है।
इसरो के मिशन गगनयान की क्रू रिकवरी टीम के पहले बैच को कोच्चि में नौसेना की जल जीवन रक्षा प्रशिक्षण सुविधा (डब्ल्यूएसटीएफ) में नौसेना के गोताखोरों और समुद्री कमांडो की एक टीम ने कई समुद्री परिस्थितियों में प्रशिक्षित किया है।
इसरो के अनुसार गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के एक दल को तीन दिन के मिशन के लिए 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके और भारतीय समुद्री जल में उतरा जायेगा। इसके बाद उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गयी है।
इसरो ने कहा कि इस ट्रायल का प्राथमिक उद्देश्य रिकवरी समय को कम करना और क्रू मॉड्यूल के समुद्र में उतरने के बाद चालक दल के लिए कम से कम परेशानी न होने देना है। इसरो ने कहा कि गगनयान के लिए चल रही तैयारियों के तहत रिकवरी ट्रायल जारी रहेंगे।
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