टीम एबीएन, रांची। अखिल विश्व गायत्री परिवार युगतीर्थ शक्तिपीठ सेक्टर टू धूर्वा रांची में गायत्री महिला मंडल प्रतिनिधित्व में गायत्री महामंत्र का समूह जप- अनुष्ठान, सत्संग, भजन हुआ। फिर युग निर्माण योजना पत्रिका का स्वाध्याय पाठ हुआ। इस क्रम में वरिष्ठ-साधिका दीदी ने बताया कि स्वाध्याय एक उच्चस्तरीय सत्संग है और ज्ञान ही प्रगति की आधारशिला है।
ज्ञान रहित मनुष्य मानवीय जीवन व उसकी गरिमा का अर्थ नहीं समझ पाता है।आज मनुष्य जितनी प्रगति कर सका है, उसके महत्वपूर्ण आधारों में एक बौध्दिक संपदा भी है ,जिसका पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षण व संवर्द्धन भी है।आध्यात्मिक ज्ञान में इसके संशोधन, संवर्धन व परिमार्जन के लिए विचारों को ठीक दिशा में गतिशील व विकसित होना चाहिए। बताया कि विचारों का विकास एवं उनकी निर्विकारिता दो बातों पर निर्भर है... सत्संग व स्वाध्याय।
सकारत्मक सोच को बढ़ाने के लिए स्वाध्याय करना चाहिए। नकारात्मक सोच से बाहर निकलना हो तो सकारात्मक सोच को बढ़ाने के लिए स्वाध्याय करना चाहिए। कहा कि स्वाध्याय से मन शुभ व सद्विचारों की ऊर्जा से भर जाता है। मनन एवं चिन्तन से मन की क्रियाशीलता बढ़ती है तथा श्रेष्ठ विचारों को आकर्षित करने का माध्यम बन जाता है।
कल स्वतंत्रता-दिवस पर शक्तिपीठ में गायत्री परिवार शिष्य-साधकों और युग निर्माण कन्या विद्यालय के छात्र छात्राओं और आचार्यों ने बड़ी धूमधाम व उत्साहपूर्वक ध्वजारोहण किया और अनेकानेक उत्कृष्ट एवं सराहनीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में यह महोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक प्रदर्शित किया।
धूर्वा बस स्टैंड पास गायत्री प्रज्ञापीठ मंदिर परिसर में भी हर्षोल्लास पूर्वक विशिष्ट अतिथियों सहित स्वतंत्रता-दिवस मनाया गया। उक्त जानकारी गायत्री परिवार के वरिष्ठ साधक सह प्रचार-प्रसार प्रमुख जय नारायण प्रसाद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी।
Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.
टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।
© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse