खुल गया एलियंस से बात करने का राज!

 

  • 22 करोड़ किलोमीटर दूर स्पेस से नासा के पास आया मैसेज

एबीएन सेंट्रल डेस्क। एलियंस से बात करने का खुल गया राज! 22 करोड़ किलोमीटर दूर स्पेस से NASA के पास आया मैसेज
आपको ऋितिक रोशन की कोई मिल गया फिल्म जरूर याद होगी। इस मूवी में सुपरपावर्स से लैस जादू एलियन ऋितिक की बहुत मदद करता है। 

यह तो एक मूवी है, लेकिन अगर सच में एलियंस मौजूद हों तो हम उनसे कैसे बात कर पाएंगे? एलियंस हैं या नहीं है, इसकी चर्चा पूरी दुनिया में चर्चा चलती रहती है, लेकिन यह सच है कि एलियंस की मौजूदगी अब तक साबित नहीं हुई है। हम केवल फिल्मों आदि में ही एलियंस देखते हैं या फिर कभी-कभी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) के पृथ्वी पर आने की अफवाह सुनते हैं जिन्हें एलियंस का स्पेसक्रॉफ्ट कहा जाता है।

बहरहाल, एलियंस का होना या ना होना एक अलग बहस है, लेकिन अगर एलियंस मौजूद हैं तो उनसे बात करने की संभावना बढ़ गई है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. हाल ही में नासा को पृथ्वी पर स्पेस में 22.5 किलोमीटर दूर से मैसेज रिसीव करने में सफलता मिली है।

22.5 करोड़ किमी की दूरी से आया मैसेज

इंटरप्लेनेटरी कम्युनिकेशन की दिशा में नासा ने बड़ी छलांग लगाई है। इसके Psyche नामक स्पेसक्रॉफ्ट ने 22.5 करोड़ किलोमीटर दूर स्पेस से एक लेजर मैसेज को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापस भेजा है। यह सफलता ना केवल फास्ट स्पेस कम्युनिकेशन की क्षमता को दिखाती है, बल्कि इतने बड़े स्पेस में डेटा सेंड करने और रिसीव करने के तरीके के लिए नया दरवाजा भी खोलती है।

नासा का Psyche मिशन

नासा ने Psyche मिशन को अक्टूबर 2023 में लॉन्च किया था। यह एक रोबोटिक स्पेसक्रॉफ्ट है जो Psyche 16 नामक मेटल-रिच एस्टेरॉयड का पता लगाने के मिशन पर है, जो मंगल और बृहस्पति के बीच एस्टेरॉयड बेल्ट में रहता है। स्पेसक्रॉफ्ट एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है, जिसमें डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (DSOC) सिस्टम शामिल है, जिसे स्पेस में लेजर कम्युनिकेशन के साथ एक्सपेरिमेंट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

नासा का कम्युनिकेशन टेस्ट

दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी में प्रोजेक्ट की ऑपरेशन प्रमुख मीरा श्रीनिवासन ने कहा कि हमने 8 अप्रैल को एक पास के दौरान लगभग 10 मिनट के डुप्लिकेट स्पेसक्रॉफ्ट डेटा को डाउनलिंक किया। तब तक हम Psyche से अपने डाउनलिंक में टेस्ट और डॉयग्नोस्टिक डेटा भेज रहे थे। यह प्रोजेक्ट के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ कि कैसे ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी स्पेसक्रॉफ्ट के रेडियो फ्रीक्वेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम के साथ इंटरफेस कर सकती है।

इस डेमो में लेजर कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को आज गहरे स्पेस मिशन से इस्तेमाल की जाने वाली मॉडर्न रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम की तुलना में 10 से 100 गुना तेज स्पीड से स्पेस से डेटा ट्रांसमिट करने के लिए डिजाइन किया गया है। 13 अक्टूबर, 2023 को लॉन्च होने के बाद से स्पेसक्रॉफ्ट स्वस्थ और स्थिर बना हुआ है, यह अभी भी अच्छी तरह से काम कर रहा है। इसकी मंजिल Psyche एस्टेरॉयड है।

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