टीम एबीएन, रांची। बिड़ला इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी मेसरा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम विकसित भारत 2024 का दूसरा दिन 4 अप्रैल, 2024 को अपराह्न 3:30 बजे शुरू हुआ। कैट हॉल में दिन की शुरुआत पर्यटन, भोजन और पानी पर एक पैनल चर्चा के साथ हुई। पैनल में ईसीई और गणित विभाग के छात्र शामिल थे और सत्र के संचालक डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, सहायक प्रोफेसर, होटल प्रबंधन और कैटरिंग टेक्नोलॉजी थे।
उन्होंने विरासत स्थलों की खोज करने की आवश्यकता, पर्यटन उद्योग में निवेश की आवश्यकता और दुनिया भर में पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने मौजूदा संस्कृतियों और मूल्यों, और सोशल मीडिया के माध्यम से किसी के भोजन, संस्कृति और कला को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर चर्चा की।
अगला पैनल चर्चा विरासत और जीवंत संस्कृति पर था। पैनल में वास्तुकला विभाग के छात्र शामिल थे और सत्र के संचालक एआर थे। अपूर्व आशीष, सहायक प्रोफेसर, वास्तुकला और योजना और डॉ सुजाता प्रियंबदा दाश, सहायक प्रोफेसर, प्रबंधन।
उन्होंने मौजूदा संस्कृतियों और मूल्यों को संरक्षित करने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता, भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत और पुराने मंदिरों और स्मारकों के रखरखाव पर चर्चा की। पानी की गुणवत्ता में सुधार और डेटा साइंस तथा एआई पर कई अन्य पैनल चर्चाएं हुईं।
अभिनव सत्रों के बाद, क्रिएटिव आर्ट्स के छात्रों ने एक मनोरंजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जहां उन्होंने विविध प्रतिभाएं दिखायीं। उन्होंने राग यमन और राग भैरव के साथ-साथ बंगाली लोक गीत रेटर बेले, पंजाबी लोक गीत जूती कसूरी, अरुणाचली लोक गीत पोलो गे दो लागे, असमिया लोक गीत फागुनेरो मोहय और हिमाचली लोक गीत माये नी मेरिए के साथ शास्त्रीय संगीत का प्रदर्शन किया। उन्होंने आधुनिक गीत सांसों की माला और जमीन आसमान तुम्हारा भी प्रस्तुत किया। दिन शाम 7:30 बजे समाप्त हुआ। मृणाल पाठक, संकाय सलाहकार, क्रिएटिव आर्ट्स ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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