एबीएन सेंट्रल डेस्क। भारतीय मूल के फिजीशियन और अमेरिकी वायु सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल मेनन को नासा ने अपने भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए चुना है। नासा ने इन अभियानों के लिए कुल 10 लोगों को चयनित किया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने मंगलवार को यह एलान किया। 45 वर्षीय मेनन का जन्म मिनेसोटा के मिनियापोलिस में हुआ था। उनके माता-पिता भारतीय और यूक्रेनियन थे। वह एक आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ भी हैं। उन्हें जंगल और एयरोस्पेस चिकित्सा में फेलोशिप प्रशिक्षण प्राप्त किया है और वायु सेना में भी अपनी सेवाएं दी हैं। वह एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के पहले फ्लाइट सर्जन थे, उन्होंने इसकी पहली मानव उड़ान के लिए मेडिकल प्रोग्राम और अन्य तैयारियों में सहायता की थी और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की मदद के लिए एक चिकित्सा संगठन बनाया। नासा ने एक बयान में कहा कि इसने 10 नए एंस्ट्रोनॉट (अंतरिक्ष यात्री) उम्मीदवारों का चयन किया है। इसके लिए नासा के पास 12 हजार से अधिक आवेदन आए थे। नासा के प्रशासक बिल नेलसन ने सोमवार को एक कार्यक्रम में 2021 एस्ट्रोनॉट क्लास के सदस्यों का परिचय कराया। यह कार्यक्रम नासा के ह्यूस्टन में स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर के पास एलिंगटन फील्ड में हुआ था। इस दौरान बिल नेलसन ने कहा, आज हम 10 नए खोजकतार्ओं का, आर्टेमिस पीढ़ी के 10 सदस्यों का और नासा की 2021 एस्ट्रोनॉट क्लास के 10 उम्मीदवारों का स्वागत करते हैं। इन सभी 10 उम्मीदवारों का जॉनसन स्पेस सेंटर में दो वर्षीय प्रशिक्षण जनवरी 2022 से शुरू होगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें विभिन्न अभियानों के लिए भेजा जाएगा। इनमें स्पेस स्टेशन पर शोध और चंद्रमा पर जाने के साथ अन्य गहन अंतरिक्ष अभियान शामिल हो सकते हैं। अनिल मेनन, निकोल एयर्स, मार्कोस बेरियोस, ल्यूड डेलनी, जेसिका विटनर, डेनिज बर्नहैम, जैक हैथवे, क्रिस्टोफर विलियम्सस, क्रिस्टीबा बिर्च और आंद्रके डगलस।
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