एबीएन डेस्क। शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों ने ना केवल स्टूडेंट्स के लिए ज्ञान के दरवाजे खोले हैं, बल्कि टीचरों (Teachers) को भी कई तरह के अवसर मुहैया कराए हैं। टीचिंग बेहद गरिमामय प्रोफेशन है और टीचरों का स्थान हमेशा ही ऊंचा रहा है। एजुकेशनल सब्जेक्ट के अलावा योग, फिटनेस, स्पोर्ट्स जैसे फील्ड में प्रोफेशनल टीचर्स की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। टीचरों को अब अच्छी सैलरी भी मिलने लगी है। अगर आप भी इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो यहां बताई जानकारी आपके काम आएगी। टीचिंग लाइन से संबंधित कोर्स टीचर बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर कई कोर्स मौजूद हैं, जिनमें प्रमुख हैं: 1. बीएड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) : टीचिंग क्षेत्र में आने के लिए युवाओं के बीच यह कोर्स काफी लोकप्रिय है। पहले यह कोर्स एक साल का था, जिसे 2015 से बढ़ाकर दो साल का कर दिया गया है। इस कोर्स को करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। एग्जाम देने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। कई प्राइवेट कॉलेज एंट्रेंस टेस्ट के बिना भी सीधे एडमिशन तो देते हैं, मगर उन कॉलेजों से बीएड करना ज्यादा लाभदायक है जो एंट्रेंस प्रोसेस के तहत दाखिला देते हैं। हर साल बीएड कोर्स के लिए एंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट किया जाता है। राज्यस्तरीय परीक्षाओं के अलावा इग्नू, काशी विद्यापीठ, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीएड पाठ्यक्रमों को काफी बेहतर माना जाता है। इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी, अपर प्राइमरी और हाई स्कूल में पढ़ाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। 2. बीटीसी (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट): यह कोर्स केवल उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों के लिए है और इसमें केवल राज्य के ही स्टूडेंट हिस्सा ले सकते हैं। यह भी दो साल का कोर्स है। इस कोर्स को करने के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। इस परीक्षा के लिए जिले स्तर पर काउंसलिंग कराई जाती है। परीक्षा देने के लिए उम्मीदवारों का ग्रेजुएट होना जरूरी है। साथ ही इसके लिए आयु सीमा 18-30 साल तय की गई है। इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी और अपर प्राइमरी लेवल के टीचर बनने के योग्य हो जाते हैं। 3. एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग): यह कोर्स महानगरों में ज्यादा प्रचलित है। यह दो साल का होता है। इस कोर्स में एडमिशन 12वीं के अंकों के आधार पर या कई जगह प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। प्रवेश परीक्षा में करंट अफेयर्स, जनरल स्टडी, हिन्दी, रीजनिंग, टीचिंग एप्टीट्यूड और अंग्रेजी से सवाल पूछे जाते हैं। इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी टीचर बनने के लिए एलिजिबिल हो जाते हैं। 4. बीपीएड (बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन): फिजिकल एजुकेशन में रोजगार के काफी नए अवसर शिक्षकों को मिल रहे हैं। निजी और सरकारी स्कूल बड़े पैमाने पर फिजिकल टीचरों की बहाली कर रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में शिक्षक बनने के लिए दो तरह के कोर्स कराए जाते हैं। जिन उम्मीदवारों ने ग्रेजुएट लेवल पर फिजिकल एजुकेशन एक सब्जेक्ट के रूप में पढ़ा है वे एक साल वाला बीपीएड कोर्स कर सकते हैं। वहीं, जिन्होंने 12वीं में फिजिकल एजुकेशन पढ़ी हो वे तीन साल वाला स्नातक कोर्स कर सकते हैं। इसके एंट्रेंस टेस्ट में फिजिकल फिटनेस टेस्ट के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी देनी होती है। एंट्रेंस टेस्ट में पास होने के बाद इंटरव्यू भी क्वालिफाई करना जरूरी है। 5. जेबीटी (जूनियर टीचर ट्रेनिंग): जूनियर टीचर ट्रेनिंग कोर्स के लिए न्यूतम योग्यता 12वीं है और इस कोर्स में दाखिला कहीं मेरिट के आधार पर तो कहीं प्रवेश परीक्षा के आधार पर होता है। इस कोर्स को करने के बाद उम्मीदवार प्राइमरी टीचर बनने के लिए एलिजिबिल हो जाते हैं। 6. डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) : डिप्लोमा इन एजुकेशन का यह दो वर्षीय कोर्स बिहार और मध्य प्रदेश में प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए कराया जाता है। इस कोर्स में 12वीं के अंकों के आधार पर एडमिशन होता है। इन संस्थानों में उपलब्ध हैं ये कोर्सेज इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, (इग्नू) नई दिल्ली इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, नई दिल्ली बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू), वाराणसी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू), अलीगढ़ एमिटी यूनिवर्सिटी इन एग्जाम को क्वालिफाई करना जरूरी टीजीटी और पीजीटी यह टेस्ट स्टेट लेवल पर कराया जाता है। मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली में यह एग्जाम फेमस है। टीजीटी के लिए ग्रेजुएट और बीएड होना जरूरी है और पीजीटी के लिए पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड डिग्री होना जरूरी है। टीजीटी पास टीचर 6 से लेकर 10 तक के बच्चों को पढ़ाते हैं। पीजीटी पास करने के बाद टीचर सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। टीईटी देश के कई राज्यों में इस एग्जाम को बीएड और डीएड करने वाले स्टूडेंट्स के लिए कराया जाता है। इस एग्जाम में वे स्टूडेंट भी हिस्सा ले सकते हैं, जिनके बीएड का रिजल्ट नहीं आया है। एग्जाम पास करने के बाद राज्य सरकार कुछ निश्चित सालों के लिए एक सर्टिफिकेट देती है। ये समय 5-7 साल का होता है। इस दौरान उम्मीदवार टीचर भर्ती के लिए आवेदन कर सकता है। सीटीईटी केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली के स्कूल, तिब्बती स्कूल और नवोदय विद्यालयों में टीचर बनने के लिए इस एग्जाम को पास करना होता है। ये एग्जाम सीबीएसई की ओर से आयोजित की जाती है, जिसमें ग्रेजुएट पास और बीएड डिग्री वाले स्टूडेंट ही हिस्सा ले सकते हैं। इस एग्जाम को पास करने के लिए उन्हें 60 % मार्क्स लाना जरूरी है। एग्जाम पास करने वाले उम्मीदवारों को 7 साल तक मान्य रहने वाला सर्टिफिकेट दिया जाता है। यूजीसी नेट कॉलेज में लेक्चरर की नौकरी करने के लिए नेट का एग्जाम निकालना जरूरी है। नेट का पेपर एक साल में 2 बार दिसंबर और जून में होता है। नेट एग्जाम में तीन पेपर होते हैं। उम्मीदवार इंग्लिश और हिंदी किसी भी मीडियम से परीक्षा दे सकते हैं।
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