एबीएन डेस्क। पेट्रोलियम पदार्थों और खनिजों की कीमतों में भारी वृद्धि होने से मार्च 2021 में थोक मूल्यों पर आधारित थोक मुद्रास्फीति की दर आठ वर्ष के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि मार्च 2020 में थोक मूल्य थोक मुद्रास्फीति की दर 0.42 प्रतिशत रही थी। फरवरी 2021 में थोक मुद्रास्फीति की दर 4.17 प्रतिशत रही थी। आंकड़ों के अनुसार थोक मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने वृद्धि हुई है। मार्च 2021 में मुद्रास्फीति की दर 8 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है इससे पहले अक्टूबर 2012 में थोक मुद्रास्फीति की दर 7.2 प्रतिशत दर्ज की गयी थी। आंकड़ों के अनुसार मार्च 2021 में कच्चे तेल के दामों में 73.70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह पेट्रोल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में 32.15 प्रतिशत की तेजी आई है। खनिज पदार्थों के दाम 10.20 प्रतिशत बढ़े हैं। इसके अलावा रसोई गैस-एलपीजी की कीमत 10.30 प्रतिशत और पेट्रोल की कीमत 18.48 प्रतिशत बढ़ी है। हाई स्पीड डीजल के दामों में 18.27 प्रतिशत की कमी आई है। खाद्य पदार्थों में धान की कीमतें 1.38 प्रतिशत, दाल दलहन 13.14 प्रतिशत, फल 16.33 प्रतिशत, दूध 2.65 प्रतिशत तथा मांस, मछली और अंडा 5. 38 प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि मोटे अनाज के दाम 1.38 प्रतिशत, गेहूं 7.80 प्रतिशत , सब्जी 5.19 प्रतिशत, आलू 33.10 प्रतिशत नीचे आए हैं।
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