हजारीबाग : कोरोना-वोरोना से नहीं है डर, हमें पढ़ने दीजिये सर

 

हजारीबाग। देश में मौजूदा समय में कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है और ये लहर पहली वाली से ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। शुक्रवार को देश में कोरोना के एक लाख 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जो कि अबतक का सर्वाधिक आंकड़ा है। राज्य सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थान, स्कूल और कॉलेज बंद करने का फैसला किया है। इसी को लेकर छात्रों के बीच खासा गुस्सा देखा जा रहा है। शुक्रवार को कोचिंग हब माने जाने वाले कोर्रा,मटवारी में प्रशासन द्वारा कोचिंग बंद करा दिया गया। जिसके बाद कोचिंग संस्थान के सैकड़ो छात्र सड़क पर उतर गए और हंगामा करने लगे। कोरोना को लेकर जारी नई गाइडलाइंस के खिलाफ छात्र सड़कों पर उतर गये। हंगामा करते व नारा लगाते हुए छात्र कोर्रा चौक पहुंचे और सड़क को जाम कर दिया। घटना की सूचना के बाद सदर एसडीपीओ महेश प्रजापति, बीडीओ अमिताभ भगत, सीसीआर डीएसपी अमिता लकड़ा घटनास्थल पर पहुंची और छात्रों को समझाने की कोशिश की। लेकिन छात्र नहीं माने। अंतत: पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा जिसके बाद छात्र दो गुटो में बट गये। कुछ छात्र कोर्रा चौक में रूके रहे और कुछ हजारीबाग के डिस्ट्रिक्ट मोड़ जाकर सड़क जाम कर दिया। खबर लिखे जाने तक छात्र सड़क जाम कर नारे लगा रहे थे। कई कोचिंग संस्थानों में सरकारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। एक ही कमरे में 50/50 छात्रों को ढूस-ढूस कर बैठाया जा रहा था। छात्र बिना मास्क के कोचिंग क्लासेस में आ रहे थे। इधर हजारीबाग में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है। प्रशासन को जब ये सूचना मिली कि कोचिंग संस्थानों में ऐसा हो रहा है तो प्रशासन ने मजबूरन ऐसे कोचिंग संस्थानों को बंद करने को कहा जिसके बाद ये सारा खेल हुआ। सुत्रों की माने तो इन छात्रों को कोचिंग संचालकों द्वारा भड़काने का काम किया गया है। आॅनलाइन क्लासेस लें कोचिंग संस्थान के संचालक : स्थानीय निवासी वहीं कोर्रा व मटवारी के स्थानीय निवासियों ने कहा कि सुबह व शाम में जुलूस के शक्ल में छात्रों की भीड़ हो जाती है। सरकारी गाइडलाइन के चलते रामनवमी जैसे पर्व में जुलूस नहीं निकाला जा रहा। संचालकों को छात्रों को समझाना चाहिए। जैसे स्कूल आॅनलाइन क्लासेस ले रहे हैं। क्या कोचिंग संस्थान के संचालक आॅनलाइन क्लासेस नहीं ले सकते। आजकल किस छात्र के पास मोबाइल की सुविधा नहीं है। छात्र मास्क उपयोग नहीं करते। हमलोग को भी डर लगता है कि कहीं इन लोगों के कारण हमलोग संक्रमण का शिकार ना हो जाय। सरकार ने जो भी निर्णय लिया है वो स्वागत योग्य है। अगर एक बार संक्रमण फैल गया तो क्या इसकी जिम्मेवारी कोचिंग संस्थान के संचालक लेंगे।

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