बिहार चुनाव : एग्जिट पोल में एक बार फिर एनडीए सरकार

 

एबीएन न्यूज नेटवर्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव  में 6 और 11 नवंबर को मतदान होने के बाद नतीजे शुक्रवार यानी 14 नवंबर को आने हैं। चुनावों में किसे जीत मिलेगी इसका पता नतीजों के आने के बाद चलेगा। इन नतीजों से पहले 11 नवंबर को अलग-अलग सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल आयेंगे। इसमें किस पार्टी को कितनी सीट मिलेगी, इसका अनुमान लगाया जायेगा। यह अनुमान मतदाताओं से बातचीत के आधार पर निकाला जाता है।  
आखिर ये एग्जिट पोल क्या होते हैं? क्या इनमें किए गए दावे हमेशा सटीक होते हैं? बीते दो चुनावों में इन पोल में क्या कहा गया था और बाद में नतीजे क्या निकले? आइये जानते हैं... 

पहले जान लीजिए ये एग्जिट पोल है क्या? 

दरअसल एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलता है तो वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी के लोग मौजूद होते हैं। वह मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? इस तरह से हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है।

मतदान खत्म होने तक ऐसे सवाल बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि जनता का मूड किस ओर है? गणितीय मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है। 

2015 में कैसे थे एक्जिट पोल? 

बिहार में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच में मुकाबला था। इस चुनाव में महागठबंधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शामिल थी। जदयू के अलावा राजद और कांग्रेस ने साथ मिलकर यह चुनाव लड़ा। 

वहीं, एनडीए में भाजपा के साथ लोजपा, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा शामिल थे। 2015 में बिहार के एग्जिट पोल की बात करें तो आंकड़े एनडीए और महागठबंधन दोनों के पक्ष में बराबर जाते दिखाई दे रहे थे।    

  • टुडेज चाणक्या के एक आंकड़े को छोड़ दिया जाए तो सभी ने दोनों गठबंधनों को सौ से पार सीटें दी थीं। एग्जिट पोल में एनडीए की सीटें कम थीं, लेकिन बहुमत का आंकड़ा छूते हुए नजर आई थी। 2015 के एग्जिट पोल में भाजपा से अकेले सरकार बनाने की उम्मीद की जा रही थी।  
  • टुडेज चाणक्या ने एनडीए को 155 सीटें और महागठबंधन को 85 सीटें मिलती हुई दिखायी गयी थीं।   
  • आज तक सिसेरो ने एनडीए को 113-127 और महागठबंधन को 111-123 सीटें दी थीं।   
  • इंडिया टीवी सी-वोटर ने एनडीए को 101-121, महागठबंधन को 112-132 और अन्य को 6 से 14 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। 
  • एबीपी का बात करें तो एनडीए को 108, महागठबधंन को 130 और अन्य को 5 सीटें मिलते हुए दिखाई गई थीं।  
  • टाइम्स नाउ-सी वोटर्स ने एनडीए को 111, महागठबंधन को 122 और अन्य को 10  सीटें दी थीं। 
  • न्यूज नेशन ने अपने सर्वे में एनडीए को 115-119, महागठबंधन को 120-124 और अन्य को 3-5 सीटें दी थी। 
  • न्यूज एक्स- सीएनएक्स के एग्जिट पोल में एनडीए की हार दिखायी गयी थी। इसमें एनडीए को 90-100, महागठबंधन को 130-140 और अन्य को 13-23 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।  

2015 में कैसे थे बिहार चुनाव के नतीजे? 

2015 में बिहार की 243 सीटों पर पांच चरणों में हुए चुनावों के नतीजे 8 नवंबर 2015 को सामने आए थे। नतीजे एग्जिट पोल से बिल्कुल अलग थे। 2014 में भाजपा की लहर के कारण माना जा रहा था कि बिहार में भी भाजपा अकेले सरकार बनाने में सफल हो जायेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। नतीजों में एनडीए को बड़ा झटका लगा और केवल 58 सीटों पर सिमट गई। महागठबंधन ने 178 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रहा। 

वाम दलों के खाते में तीन सीटें गईं थी। दलवार आंकडे़ की बात करें तो राजद को सबसे ज्यादा 80 सीटें मिली थीं। जदयू के खाते में 71 और कांग्रेस को 27 सीटों पर सफलता मिली थी। एनडीए में सबसे ज्यादा 53 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। लोजपा और रालोसपा को दो-दो और हम को एक सीट जीतने में सफलता मिली थी। वाम दलों में तीनों सीटें भाकपा (माले) ने जीती थीं। बाकी चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीतने में सफल रहे थे। इस तरह 2015 में महागठबंधन सरकार बनाने में सफल हुई थी।  

2020 में कैसे थे एग्जिट पोल?  

2020 में एक बार फिर एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला देखने को मिला, लेकिन इस बार दलों में हेर फेर था। पिछली बार के समीकरण इस बार बदल चुके थे। इस बार एनडीए में भाजपा के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी शामिल थी। इसके साथ वीआईपी और हम भी एनडीए का हिस्सा था। 

महागठबंधन की बात करें तो इसमें राजद, कांग्रेस और बाकि वाम दल शामिल थे। एग्जिट पोल की बात करें तो महागठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलते हुए दिखाया गया था। किसी ने अपने पोल में एनडीए को बहुमत का आंकड़ा नहीं दिया था। लेकिन दोनों के बीच कांटे की टक्कर दिखायी गयी थी।  

  • केवल दो एग्जिट पोल टुडेज चाणक्य और टाइम्स नेटवर्क ने महागठबंधन को बहुमत नहीं दिया था, बाकि सभी ने महागठबंधन को सौ से अधिक सीटें मिलते हुए दिखाया था। इस आंकड़े के साथ महागठबंधन सरकार बनते हुए नजर आ रही थी।  
  • एबीपी- सी वोटर के द्वारा एनडीए को 104-128, महागठबंधन को 108-131 और अन्य को 6-23 सीट मिलती हुई दिखायी गयी थी।  
  • आजतक-एक्सिस माय इंडिया ने एनडीए को 69-91, महागठबंधन को 139-161 और अन्य को 6-10 सीटें मिलते हुए दिखाई थी।  
  • रिपब्लिक भारत जन की बात में एनडीए को 91-117, महागठबंधन को 118-138 और अन्य को 3-6 सीटें मिली थी।  
  • टुडेज चाणक्य के अनुसार बताया गया था कि एनडीए को 82, महागठबंधन को 106 और अन्य को 52 सीटें मिलेगी।  
  • टाइम्स नेटवर्क ने एनडीए को 116, महागठबंधन को 120 और अन्य को छह सीटें दिखाई थी।  

2020 में कैसे थे बिहार चुनाव के नतीजे  

2020 में तीन चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के नीतजे 10 नवंबर 2020 को सामने आए थे।  नतीजे एग्जिट पोल के समान ही नजर आये थे। लेकिन नतीजों में कांटे की टक्कर के बाद एनडीए ने किसी तरह बहुमत का आंकड़ा छू लिया था। इस तरह एग्जिट पोल पूरी तरह गलत नहीं हुए और 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए ने 125 सीटें जीतीं थीं। इनमें सबसे ज्यादा 74 सीटें भाजपा के खाते में गई थीं। 

जदयू को 43, वीआईपी और हम को 4-4 सीट पर सफलता मिली थी। राज्य की 110 सीटें महागठबंधन के खाते में गई थीं। 75 सीटें जीतकर राजद राज्य का सबसे बड़ा दल बना था। इसके साथ ही कांग्रेस को 19, वामदलों को 16 सीट पर जीत मिली थी। इनमें 12 सीटें भाकपा (माले) और दो-दो सीटें भाकपा और माकपा के खाते में गयी थी। अन्य दलों की बात करें तो एआईएमआईएम ने पांच, बसपा, लोजपा और निर्दलीय को एक-एक सीट पर जीत मिली थी।

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