मध्य प्रदेश समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक सतत विकास की भूमि : योगाचार्य महेश पाल

 

एबीएन सोशल डेस्क। भारत के हृदय स्थल के रूप में प्रसिद्ध मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस हर वर्ष 1 नवंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। योगाचार्य महेश पाल ने बताया कि 2025 हम 70वां स्थापना दिवस मना रहे हैं, यह दिवस केवल एक प्रदेश की स्थापना का प्रतीक नहीं, बल्कि एक ऐसी धरती के गौरव, संस्कृति, सामाजिक एकता और निरंतर प्रगति की कहानी है जिसने स्वतंत्र भारत के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

भारत का हृदय मध्य प्रदेश देश के भौगोलिक केंद्र में स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग 3,08,000 वर्ग किलोमीटर है, जो इसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बनाता है। यह प्रदेश उत्तर में उत्तर प्रदेश, दक्षिण में महाराष्ट्र, पूर्व में छत्तीसगढ़, और पश्चिम में गुजरात व राजस्थान से घिरा है। नर्मदा, ताप्ती, बेतवा, चंबल और सोन जैसी नदियाँ यहाँ की जीवन रेखा हैं, जो प्रदेश की उपजाऊ धरती को सिंचित करती हैं।

वन क्षेत्र की दृष्टि से भी यह प्रदेश समृद्ध है — कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना जैसे राष्ट्रीय उद्यान इसकी जैव विविधता को दर्शाते हैं मध्य प्रदेश की पहचान उसकी सांस्कृतिक एकता में निहित विविधता से है। यहाँ गोंड, भील, बैगा, कोरकू, सहरिया जैसी जनजातियाँ अपनी पारंपरिक संस्कृति, नृत्य, गीत और जीवन शैली के माध्यम से प्रदेश की लोकधारा को समृद्ध करती हैं। 

खजुराहो के मंदिर, सांची का स्तूप, भीमबेटका की गुफाएँ और उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि भारत की प्राचीन कला और स्थापत्य के उत्कृष्ट प्रतीक हैं। भोजपुर, मांडू, ग्वालियर, चंदेरी और बुरहानपुर जैसे नगर अपने ऐतिहासिक गौरव की झलक आज भी प्रस्तुत करते हैं। मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था, जब मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर एक नया राज्य बना।

भोपाल को राजधानी घोषित किया गया और प्रदेश का नाम पड़ा मध्य प्रदेश अर्थात भारत का हृदय प्रदेश। राजनीतिक रूप से यह राज्य देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सशक्त उदाहरण है। यहाँ की राजनीति में स्थायित्व, जनभागीदारी और विकासोन्मुख नीति-निर्माण देखने को मिलता है। प्रदेश ने कई राष्ट्रीय स्तर के नेता और नीतिनिर्माता दिए हैं जिन्होंने देश के सामाजिक-राजनीतिक विमर्श को दिशा दी है। आर्थिक और सर्वांगीण विकास की दिशा में मध्य प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है।

यहाँ गेहूं, सोयाबीन, दालें और चना मुख्य फसलें हैं। प्रदेश को सोया स्टेट और पल्स कैपिटल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। सिंचाई, ग्रामीण उद्योग, सड़क निर्माण, और ऊर्जा क्षेत्र में तीव्र प्रगति ने राज्य को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर किया है। इंदौर, जो देश का सबसे स्वच्छ शहर है, प्रदेश के शहरी प्रबंधन और नागरिक भागीदारी का उत्कृष्ट उदाहरण बन चुका है।

उद्योग और निवेश के क्षेत्र में पीथमपुर, मंधीदीप, सिंगरौली, जबलपुर जैसे क्षेत्र औद्योगिक शक्ति केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं।शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में AIIMS भोपाल, IIT इंदौर जैसी संस्थाएँ प्रदेश को ज्ञान और तकनीकी उन्नति की दिशा में अग्रसर कर रही हैं। मध्य प्रदेश केवल एक राज्य नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का जीवंत प्रतीक है। यहाँ की जनजातीय संस्कृति ने भारतीय सभ्यता की जड़ों को सहेजा है, जबकि आधुनिक उद्योग और शिक्षा ने राष्ट्र को नई दिशा दी है। प्रदेश ने कृषि, रक्षा, खेल, कला, संस्कृति, साहित्य और विज्ञान — हर क्षेत्र में देश को उत्कृष्ट प्रतिभाएँ दी हैं।

हर खेत में पानी, हर हाथ में काम की नीति के साथ यह प्रदेश आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को साकार करने में लगा है।मध्य प्रदेश स्थापना दिवस हमें यह संदेश देता है कि एकता, परिश्रम और विकास के माध्यम से कोई भी प्रदेश न केवल अपने लोगों का बल्कि पूरे राष्ट्र का गौरव बन सकता है। भारत का यह दिल आज भी अपनी जीवंत संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य और विकासशील दृष्टिकोण के साथ राष्ट्र की धड़कन बना हुआ है।

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