जनकल्याण में जुटी मोदी सरकार

 

डॉ लोकेश कुमार

एबीएन सेंट्रल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार सामाजिक कल्याण की योजनाओं के माध्यम से जनकल्याण के कार्य में जुटी है। मोदी सरकार गरीब को भोजन, आवास, रसोई गैस, स्वास्थ्य, किसानों को आत्मसम्मान, लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को अपना रोजगार चलाने के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध करवा रही है। देश की आजादी के बाद कई दशकों से गरीब का घर अंधेरा में था, आज उसमें खुशियों के चिराग जल रहे हैं। यह सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र को लेकर प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सरकार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए समर्पण के साथ रात-दिन एक करके देश के गरीब वंचित लोगों के सहयोग में जुटी हुई है। 

इन योजनाओं का लाभ शहरी नहीं बल्कि दूर दराज में बैठे ग्रामीण भी उठा रहे हैं। क्योंकि सरकार बैंकों के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में पैसा पहुंचा रही है। इस लाभ के बीच में किसी का दखल नहीं है, ना कोई बिचौलिया है। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि मैं केंद्र से एक रुपया भेजता हूं, वह आप तक 10 पैसे ही पहुंच पाता है। मोदी सरकार ने इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर लगाम लगा दी है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जागरूकता अभियान एक ऐसा अभियान है, जिसने अपने सांगठनिक ढांचे को सम्पूर्ण भारत में मजबूत कर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति को मिल रहा है। यह योजनाएं गरीब के लिए वरदान साबित हो रही हैं। 

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 

यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति के नाम जमीन होनी चाहिए। इस योजना का मकसद उन किसान परिवारों की आय बढ़ाना है, जिनके पास खेती योग्य जमीन है। उसकी भूमि दो एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए, दो एकड़ से अधिक भूमि वाला किसान योजना से वंचित रहेगा। यह योजना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से 24 फरवरी, 2019 से प्रारंभ हुई। 

अभी हाल ही में 18, जून 2024 को 17 वीं किश्त जारी कर दी गयी। इस योजना में हर चार महीने में दो हजार रुपये वित्तीय लाभ किसानों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मोड में बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किये जाते हैं। एक वर्ष में कुल छह हजार रुपये किसानों को भेजे जाते हैं।इस योजना का 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है। इससे किसानों की क्रय शक्ति में वृद्धि हुई है, भारत का जीडीपी में सुधार आता है। 

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 

मोदी सरकार ने महिलाओं को मिट्टी के चूल्हें से आंखें खराब होने से बचाने के लिए 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को निशुल्क एलपीजी सिलेण्डर और चूल्हे वितरित किये गये। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी के उपयोग को बढ़ावा देना है। योजना के माध्यम से सरकार महिला सषक्तीकरण को बढ़ावा देना है।

उत्तर प्रदेष के बलिया से 1 मई, 2016 को इस योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा हो जाती है। अगस्त में कैबिनेट की मीटिंग में 75 लाख लाभार्थियों को और जोड़ने की मंजूरी दी गयी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर पर दी जाने वाली 450 रुपए की सब्सिडी को 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दी है। इस योजना का लाभ बिना किसी धर्म और जाति के साथ भेदभाव के बिना गरीब को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना 

मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4.21 करोड़ मकान बनाये जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ 25 जून, 2015 को हुआ। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में निर्णय लिया है कि आवास की जरूरत को पूरा करने के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को आवास बनाने में मदद की जायेगी। 

इस योजना के माध्यम से गरीब और बेघर लोगों को आवास की सुविधा प्रदान कराई जाती है। योजना के तहत ग्रामीण लाभार्थियों को अपना खुद का घर बनवाने के लिए सहायता राशि प्रदान की जा रही है। इस योजना से गरीब का घर बनाने का सपना पूरा होता नजर आ रहा है। इससे चार करोड से अधिक परिवारों को सिर पर छत मिली है। उनको भी अपना एक आशियाना बना है। 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 

मोदी सरकार ने खाद्य सुरक्षा कल्याण योजना 26 मार्च, 2020 को भारत में कोविड-19 की महामारी के दौरान प्रारंभ की। इस योजना के माध्यम से 81.35 करोड़ लोगों अर्थात (56.81) आबादी को इसका लाभ मिल रहा है। इसमें एक लाभार्थी पांच किलो गेहूं या पांच किलो चावल, एक किलो दाल निशुल्क खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से वितरित किया जा रहा है। 

लेकिन नोडल मंत्रालय वित्त मंत्रालय है। इस योजना के तहत सभी प्राथमिकता वाले परिवारों और अंत्योदय अन्न योजना के तहत पहचाने जाने वालों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से अनाज उपलब्ध कराकर भारत के सबसे गरीब नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना का लक्ष्य कोई गरीब भूखा नहीं सोए। यह योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। 

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना व आयुष्मान भारत योजना 

इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के रांची से 23 सितम्बर,2018 को किया। यह योजना आम आदमी को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा देने के लिए शुरू की गई है, जो आज परचम फैला रही है। देश में 30 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। आज गरीब व्यक्ति को पैसे के अभाव में दम तोड़ने के लिए नहीं छोड़ा गया है। इस योजना के तहत पात्र परिवारों को वर्ष में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलता है। 

इस योजना में इलाज सरकारी अस्पताल और निजी अस्पताल में कहीं भी मिल सकता है। यह योजना कैश लेस है। इस योजना में मरीज के भर्ती होने से सात दिन तक की जांचें फ्री होती है, भर्ती के दौरान इलाज और भोजन मुफ्त, डिस्चार्ज होने के 10 दिन बाद तक चेकअप और दवाएं मुफ्त, परिवार के आकार, आयु और लिंग पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं। इस योजना के तहत कैंसर और हृदय रोग सहित 1300 बीमारियों का निशुल्क इलाज किया जाता है। यह लाभ उन परिवारों को मिलता है जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख से कम हो। 

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा, लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को स्वयं का रोजगार चलाने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 8 अप्रेल, 2015 को प्रारंभ की गयी। इससे युवा अपना स्वयं का उद्यम चला सके। इसके लिए ऋण पाने के लिए मुद्रा लोन योजना षुरू की। इसमें बैंक से बिना किसी एजेंट या बिचौलिया, आयकर रिटर्न से छुटकारे की सुविधा दी गई। इसमें 5 लाख रुपए तक की क्रेडिट सीमा के लिए ऋण आवेदनों का निपटारा 2 सप्ताह के अंदर किया जाने का प्रावधान किया। इसमें ऋणदाता को बैंको में कोलैटरल या सिक्योरिटी जमा कराने की आवश्यकता नहीं है, नाम मात्र की प्रोसेसिंग फीस और कम ब्याज दरों में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। 

इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के लिए विशेष ब्याज दरों पर मुद्रा लोन उपलब्ध है। इस योजना में 10 लाख तक लोन दिया जाता था, उसकी लिमिट बजट 2024-25 में 20 लाख रुपये तक कर दी गई है। यह योजना के तहत 41 करोड़ ऋण खातों को लाभ मिला है। इसमें 68 प्रतिशत महिला उद्यमियां हैं और 51 फीसदी खाते एससी, एसटी और ओबीसी के हैं। बहरहाल, यह कहा जा सकता है कि सरकार लोककल्याणकारी राज्य के विस्तार के माध्यम से जनसरोकारों को अपनी प्राथमिकता में शामिल कर जनता के दर्द और पीड़ा को समाप्त करने की मुहिम में जुटी है। (लेखक, स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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