मानसिक तनाव को दूर करता है योग-प्राणायाम : स्वामी मुक्तरथ

 

एबीएन सोशल डेस्क। मानसिक तनाव को दूर करने में कुछ खास पहलुओं को अपनाने की जरूरत है जिसमें योग, ध्यान, संगीत, मित्रों के साथ वार्तालाप, सत्संग, पांच मिनट गहरे श्वसन का अभ्यास, कीर्तन बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। 

योगासन में सूर्य नमस्कार, योगमुद्रा, शशांकासन, धनुरासन, कूर्मासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, सर्वांगासन प्रमुख है। प्राणायाम में भस्त्रिका, नाड़ीशोधन, भ्रामरी प्रमुख है। ध्यान - योगनिद्रा मानशिक रोग को रोकने में बहुत प्रभावशाली है।

दुनिया में तनाव और मानशिक समस्याओं के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 10 अक्टूबर 1992 को लोगों में जागरूकता हेतू विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की घोषणा की गई। पर इतने लम्बे समय में भी हमलोग अभी तक मानसिक रोगियों की वृद्धि को रोकना तो दूर की बात रही, हम मानसिक रोग को पहचानने से भी बहुत दूर रहे हैं। केवल विक्षिप्त लोगों को ही हम पागल मान बैठे और यहीं तक हमारी धारणा सीमित रही।

आये दिन तोड़-फोड़, जरा सी बातों पर गंभीर लड़ाई छेड़ देना, परिवार के बीच बेतरतीब झगड़े, भाई-भाई के बीच का झगड़ा, पति-पत्नी के रिश्ते ध्वस्त हो रहे हैं, प्रतिस्पर्धाओं में ईर्ष्या ने जगह बना ली है। धैर्य (पेशेंस) बिल्कुल खत्म हो रहा है, मस्तिष्क में नकारात्मक सोच बढ़ रहे हैं, प्रवृत्ति गंदी हो रही है, वायुमंडल को हम गंदा कर रहे हैं क्या ये मानसिक अस्वस्थता नहीं है?

आज के मनोविश्लेषक और मनोवैज्ञानिक इसे भी मानसिक रोगियों की श्रेणी में खड़ा कर रहे हैं। सिर्फ पागलपन, अवसाद, चिन्ता, फ्रस्टेशन, अनिद्रा, तनाव, स्क्रीजोफ्रेनिया, भय, कुंठा आदि ही मानसिक बीमारी नहीं है बल्कि उच्च-रक्तचाप,हृदय रोग, कब्ज,पाचन प्रणाली की समस्या, अल्सर,कैन्सर, दमा,माइग्रेन जैसी बीमारियां भी मानसिक हैं। 

हमें बहुत जल्द इसे समझने की जरूरत है नहीं तो स्थिति बहुत खराब हो जायेगी। इन सभी समस्याओं को समझने के साथ हमें भारत की शक्तिशाली विद्या योग को भी समझने की बहुत जरूरत है जिसे हजारों वर्ष पूर्व हमारे ऋषि-मुनियों ने दिया था। यह विद्या पूर्णरूप से मानसिक स्वास्थ्य को प्रदान करता है।

योग शारिरिक साधना है और यह मन को शक्तिशाली तथा शुद्ध बनाता है : स्वामी मुक्तरथ

योग मानसिक समस्याओं को दूर करता है, इसके बिना मनोवैज्ञानिक उपचार अधूरा लम्बे वर्षों के बाद भी मानसिक रोग को दूर करने में योग के व्यापक प्रभाव से दूर हैं। योग भारत की ऐसी विद्या है जिसमें मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की विस्तृत चर्चा है। इसके अलावा भी हमारे बहुत सारे धार्मिक शास्त्रों में भी मानस रोग की चर्चा का उल्लेख मिलता है।

वर्तमान समय में योग के द्वारा कठिन व्याधियों को दूर किया जा रहा है। मानसिक समस्याओं पर भी विदेशों में खास करके योरोप में काफी रिसर्च हो चुके हैं जो बहुत सफल और महत्वपूर्ण साबित हुआ है। हमें सही रूप से योग को जानने की जरूरत है और इसके उपचारात्मक बिधियों को समझने की जरूरत है। यदि हम अपने दिनचर्या में योग को शामिल करते हैं तो बहुत बड़ा मानसिक परिवर्तन देखने को मिल सकता है इसमें कोई दो मत नहीं है।

भारत के नामचीन मानसिक प्रतिष्ठान सीआईपी, काँके में 8 वर्ष का योगचिकित्सा का अनुभव

मानसिक तनाव को दूर करने में कुछ खास पहलूओं को अपनाने की जरूरत है जिसमें योग, ध्यान, संगीत,मित्रों के साथ वार्तालाप,सत्संग, पाँच मिनट गहरे श्वसन का अभ्यास, कीर्तन बहुत लाभदायक सिद्ध होगा। योगासन में- सूर्यनमस्कार, योगमुद्रा, शशांकासन, धनुरासन,कुर्मासन, अर्ध-मत्स्येन्द्रासन, सर्वांगासन प्रमुख है।

Newsletter

Subscribe to our website and get the latest updates straight to your inbox.

We do not share your information.

Tranding

abnnews24

सच तो सामने आकर रहेगा

टीम एबीएन न्यूज़ २४ अपने सभी प्रेरणाश्रोतों का अभिनन्दन करता है। आपके सहयोग और स्नेह के लिए धन्यवाद।

© www.abnnews24.com. All Rights Reserved. Designed by Inhouse