एबीएन हेल्थ डेस्क। मोटापा इंसान को सिर्फ मोटा ही नहीं करता बल्कि बीमार भी कर देता है। मोटापे से इंसान को कई बीमारियां लग जाती हैं। लगातार प्रयास करने के बाद भी वजन कम न होने के बाद हम सभी परेशान हो जाते हैं। वहीं, झारखंड में मोटापा कम करने का शौक तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए लोग इंजेक्शन लगवा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक राज्य भर में लोग मोटापा कम करने के लिए इंजेक्शन लगवा रहे हैं। मैडिकल स्टोर में सेमाग्लुटाइड और टिरजेपेटाइड जैसे दवाओं की मांग भी लगातार बढ़ रही है। वहीं, मोटापा कम करने वाले इंजेक्शन काफी महंगे हैं। इन इंजेक्शनों की कीमत प्रत्येक डोज के लिए 3500 से 4500 रुपये के बीच है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मरीज को हर महीने 4 इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिससे एक माह का खर्च 14,000 से 16,000 रुपये तक पहुंच जाता है। इलाज की अवधि 6 से 8 महीने तक होती है जिससे कुल खर्च 84,000 से 1.28 लाख रुपये के बीच तक पहुंच सकता है।
एक डायबेटोलॉजिस्ट ने बताया कि उनके पास करीब 100 नियमित मरीज हैं जो इन इंजेक्शनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि सेमाग्लुटाइड और टिरजेपेटाइड दवाओं के सेवन से भी व्यायाम के बिना वजन में कमी देखी गयी है, जिससे इसकी लोकप्रियता और बढ़ गई है। दवा व्यापारियों के अनुसार, यह इंजेक्शन एक माह पूर्व ही बाजार में आया है, लेकिन इसकी मांग इतनी तेजी से बढ़ी है कि 8 से 10 लाख रुपये तक का मासिक व्यापार हो रहा है।
डॉ श्रीवास्तव का कहना है कि मोटापा से वैसे पीड़ित व्यक्ति जो पैंक्रियाटाइटिस, किसी भी प्रकार के कैंसर, आंत की बीमारी और डायबिटिक रेटिनोपैथी वाले मरीज है, उन्हें यह इंजेक्शन नहीं लेना चाहिए। इससे उनके शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
डायबेटोलॉजिस्ट डॉ वीके ढांढनिया ने बताया कि सेगाग्लूटाइड और टिरजेपेटाइड दवा से मोटापा कम करने वाले हमारे पास दर्जनों मरीज है जिनको मेहनत नहीं करनी है, वह इसका उपयोग कर रहे हैं। दवाओं का साइड इफेक्ट तो होता ही है, इसलिए सामान्य व्यायाम और संयमित खानपान से वजन कम करना चाहिए।
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