तनाव, अनिद्रा या माइग्रेन, मानसिक समस्याओं से निजात दिलाने में फायदेमंद है भ्रामरी

 

मानसिक शांति और फोकस के लिए भ्रामरी का जादू 

एबीएन हेल्थ डेस्क। भ्रामरी प्राणायाम तनाव, चिंता और अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में अत्यंत प्रभावी है। इसे किसी भी उम्र का व्यक्ति कहीं भी कर सकता है। इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते, जिससे यह सभी के लिए सुरक्षित है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसे नियमित रूप से करने से मानसिक शांति, फोकस और माइंडफुलनेस में सुधार होता है। 

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, चिंता, अनिद्रा जैसी समस्याएं आम बात है। ऐसे में प्राणायाम मानसिक तनाव या शारीरिक समस्याओं से लड़ने का एक मजबूत तरीका है। चर्चा करते हैं बेहद फायदेमंद भ्रामरी प्राणायाम के बारे में, जो बहुत ही सरल और लोकप्रिय प्राणायाम है, जिसे करने से अनगिनत फायदे मिलते हैं। 

भ्रामरी के फायदे अनगिनत हैं। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य में लाभकारी है बल्कि हर किसी के लिए सुरक्षित भी है। भ्रामरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कोई भी व्यक्ति, चाहे बच्चा हो, बुजुर्ग हो, कभी भी और कहीं भी कर सकता है। भ्रामरी के कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं, जो इसे और भी खास बनाता है। उदाहरण के लिए, कपालभाति को कुछ स्थितियों जैसे हाई बीपी, गर्भावस्था, मासिक धर्म, या पेट की सर्जरी के बाद नहीं करना चाहिए, लेकिन भ्रामरी में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। 

योग4लाइफ की को-फाउंडर और ट्रेनर कविता अरोड़ा ने बताया, चार या पांच प्राणायाम बहुत लोकप्रिय हैं। इसमें कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी भी है। इसमें भ्रामरी बहुत खास है। भ्रामरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कोई भी कभी भी कर सकता है। इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं हैं। इसे बच्चे से लेकर उम्रदराज तक हर कोई कर सकता है और इसके अनगिनत फायदे भी होते हैं। उन्होंने बताया, आज के समय में स्ट्रेस, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, अनिद्रा जैसी समस्याओं में भ्रामरी बहुत ज्यादा फायदा देता है। रिसर्च में भी यह बात सामने आई है कि इसे करने से पॉजिटिविटी, फोकस और माइंडफुलनेस बढ़ता है। 

उन्होंने आगे बताया, जिन लोगों को रात में नींद न आने की समस्या है, वे अपने बेड पर बैठकर भी भ्रामरी कर सकते हैं, इससे उन्हें काफी मदद मिलती है और अच्छी नींद आती है। अगर आपको रात में नींद नहीं आ रही, तो बिस्तर पर बैठकर 5 से 11 राउंड भ्रामरी करने से नींद में सुधार हो सकता है। इसे करने की विधि भी बेहद आसान है, शांत बैठें, आंखें बंद करें, कानों को अंगूठे से ढकें और हम्म की आवाज निकालें। खास बात यह है कि भ्रामरी को आप दिन के साथ ही रात में भी कर सकते हैं। छात्रों के साथ ही माइग्रेन के मरीजों के लिए भी भ्रामरी फायदेमंद होता है। 

कुल मिलाकर, भ्रामरी एक ऐसा सरल और प्रभावी प्राणायाम है, जो मानसिक शांति, बेहतर फोकस और अच्छे स्वास्थ्य के लिए हर किसी को करना चाहिए। इसे करने की कोई सीमा नहीं है और इसके फायदे अनंत हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करना चाहिए। तो, चाहे आप तनाव से जूझ रहे हों या बेहतर फोकस चाहते हों, भ्रामरी प्राणायाम आपके लिए एक आसान और प्रभावी उपाय है, जो कि समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।

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